कानपुर। इत्र कारोबारी पीयूष जैन के सोना तस्करों से रिश्ते हो सकते हैं। बीते दिनों उसके यहां पड़े छापे में करीब 23 किलो विदेशी मुहर वाला सोना मिला था। अब इसकी जांच डायरक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस यानी DRI कर रही है। डीआरआई सारा सोना जब्त कर दिल्ली ले गई है। यहां सोने और उसपर लगे मुहर की जांच कराई जाएगी। पीयूष जैन और उसका बेटा इस सोने की कोई रसीद नहीं दिखा सका है। ऐसे में सूत्रों के मुताबिक सोना तस्करों से साठ-गांठ के आसार हैं। अगर ये साबित हो गया, तो इत्र कारोबारी के खिलाफ नई एफआईआर हो सकती है। बता दें कि पीयूष के यहां जीएसटी इंटेलिजेंस यानी DGGI और इनकम टैक्स ने छापा मारा था। यहां से सोने के अलावा बड़ी तादाद में नकदी भी बरामद हुई थी।
पीयूष जैन को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। उसके पास से करीब 200 करोड़ रुपए का कैश और सोना वगैरा मिला था। इसके अलावा तमाम दस्तावेज भी बरामद किए गए थे। डीआरआई की टीम को लग रहा है कि पीयूष ने दुबई या ऑस्ट्रेलिया से सोना हासिल किया। दुबई में सोने पर कोई टैक्स नहीं है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया में बहुत कम टैक्स है। हवाला और सोना तस्करी के आरोप में पीयूष जैन घिर गया है। वहीं, उसके घर में चांदी के पुराने बर्तन भी मिले। इन्हें जब्त नहीं किया गया है। सोने के जिन आभूषणों की रसीद दिखाई गई, उन्हें भी डीआरआई और जीएसटी टीम ने छोड़ दिया।
पीयूष जैन के यहां नकदी मिलने के बाद समाजवादी पार्टी से उसका नाम जुड़ा था। हालांकि, सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इससे इनकार किया है। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने कल कानपुर में अपनी जनसभा के दौरान इनकम टैक्स और जीएसटी छापों का उल्लेख करते हुए पीयूष जैन के यहां से मिली संपत्ति का जिक्र किया। उन्होंने सपा का नाम लिए बगैर पीयूष और पार्टी का रिश्ता भी जोड़ा। बता दें कि पिछले दिनों सपा के प्रचार के लिए समाजवादी इत्र लॉन्च किया गया था। इसे पुष्पराज जैन ने बनाया था। इस इत्र को पीयूष से जोड़ कर सपा पर हमले किए जा रहे हैं।