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Uttarkashi Tunnel Rescue: चट्टानों को चीर कर कैसे 41 मजदूरों को NDRF ने बचाया, IG नरेंद्र सिंह ने खास बातचीत में बताया

Uttarkashi Tunnel rescue: एनडीआरएफ के आईजी ने बताया, टनल जब खोदा जा रहा था तब सबसे ज्यादा दिक्कत उस वक्त आई। जब 44 मीटर पर पहुंचा था मलबे में मोटी-मोटी रॉड थी जिसके कारण ऑगर मशीन ड्रिल नहीं कर पा रही थी। इसमें मैन्युअल ही NDRF के लोग अंदर गए। रॉड को काटकर निकालने की कोशिश की गई थी।

नई दिल्ली। उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह मौके पर मौजूद रहे। इस दौरान सीएम धामी ने टनल से सकुशल बाहर आए श्रमिकों का माला पहनाकर स्वागत किया। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी भी इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर लगातार अपनी पैनी नजर बनाए हुए थे। 17 दिन तक 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए दिन-रात एक्सपर्ट्स की जुटी रही। इसके अलावा रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), पुलिस प्रशासन और रैट माइनर्स लगातार काम करती रही है। चट्टानों को चीर कर कैसे 41 मजदूरों को NDRF की टीम ने बचाया। इस सफल ऑपरेशन को लेकर एनडीआरएफ के आईजी नरेंद्र सिंह बुंदेला ने न्यूजरूम पोस्ट से खास बातचीत में बताया।

एनडीआरएफ के आईजी ने बताया, 12 तारीख को यह घटना सुबह 8.55 के करीब सिल्क्यारा टनल में कॉलेप्स हुआ था जिसके कारण 41 मजदूर जो काम कर रहे थे वो वहां पर फंस गए थे और बाहर नहीं निकल पाए। जैसे ही घटना की जानकारी मिली उसे राज्य और केंद्र सरकार की मशीनरी एक्टिव हुई। पुलिस, SDRF और एनडीआरएफ की तैनाती हुई। चर्चा के बाद इंजीनियर ने पाया कि टनल का मटेरियल जहां से कॉलेप्स हुआ है उसको ही ड्रिल कर के 900 मि.ली. का पाइप डालकर संभव है। इसके अलावा इमरजेंसी में 3 और 4 रास्तों का प्लान तैयार किया गया। अगर इसमें कोई फेलियर होता है तो दूसरा प्लान को इम्प्लीमेंट करके सुरक्षित बाहर निकाल सके।

उन्होंने बताया कि इस हादसे के वक्त एक अच्छी बात ये थी कि छोटी सी पाइप लाइन पानी निकालने के लिए मौजूद थी जिसके कारण मजदूरों से बातचीत हो पा रही थी। इसके अलावा पाइप के जरिए उन्हें खाने का सामान भी पहुंचाया जा रहा था। इस ऑपरेशन में केंद्र और राज्य सरकार का बहुत अच्छा समन्वय था। सीनियर लेवल पर इस रिव्यू हो रहा था। टनल के स्पॉट साइट पर भी खुद सेक्रेटरी मौजूद थे और जितनी भी सरकारी मशीनरी थी वहां पर उनके सारे ऑफिसर मौजूद थे, ताकि प्लानिंग और कॉर्डिनेशन में कोई कमी ना हो सके।

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