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Happy Birthday LK Advani: “ईमानदारी और समर्पण का प्रतीक हैं आप…”, खास अंदाज में पीएम मोदी और अमित शाह ने दी लाल कृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की बधाई

Happy Birthday LK Advani: बता दें कि लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म कराची में हुआ था। उन्होंने वहीं से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी। विभाजन के बाद लाल कृष्ण आडवाणी दिल्ली में आकर बस गए। लाल कृष्ण आडवाणी का भाजपा से बहुत पुराना और गहरा रिश्ता है

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के सबसे पुराने स्तंभ और वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी आज अपना 96वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। देश की राजनीति और सरकार में लाल कृष्ण आडवाणी का अहम रोल रहा है। कभी पार्टी में ऊंचा औदा रखने वाले लाल कृष्ण आडवाणी अपने समय में पूर्व उप प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं, इसके अलावा उन्होंने पूर्व गृह मंत्री का पदभार भी संभाला है और कई बार बीजेपी पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। पीएम मोदी से लेकर पार्टी के बड़े नेताओं ने एल.के.आडवाणी को जन्मदिन की बधाई दी है।तो चलिए जानते हैं कि उन्होंने क्या लिखा है।

पीएम मोदी ने दी जन्मदिन की शुभकामनाएं

पीएम मोदी ने एक्स के जरिए लाल कृष्ण आडवाणी को बधाई दी है और एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा है। उन्होंने एल.के.आडवाणी के समर्पण और पार्टी के प्रति उनकी ईमानदारी को सर्वोपरि बताया। उन्होंने लिखा- “लालकृष्ण आडवाणी जी को जन्मदिन की बधाई…., लालकृष्ण आडवाणी जी ईमानदारी और समर्पण के प्रतीक हैं जिन्होंने हमारे देश को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने आगे लिखा- लालकृष्ण आडवाणी जी के दूरदर्शी नेतृत्व ने देश की एकता और  राष्ट्रीय प्रगति को गति दी है। मैं हमेशा उनके च्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन की कामना करता हूं। उनका प्रयास, मेहनत और ईमानदारी हमेशा 40 करोड़ भारतीयों को प्रेरित करती रहेगी।


अमित शाह ने भी दी बधाई

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दिग्गज नेता को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने लिखा-“आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ। आडवाणी जी ने अपने अथक परिश्रम और संगठन कौशल से पार्टी को सींचने और कार्यकर्ताओं को गढ़ने का काम किया। भाजपा की स्थापना से लेकर सत्ता तक आने में आडवाणी जी का अतुलनीय योगदान हर कार्यकर्ता के लिए प्रेरणा का अक्षुण्ण स्रोत है। ईश्वर से उनकी दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं”


कारसेवक बन मिली थी पहचान

बता दें कि लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म कराची में हुआ था। उन्होंने वहीं से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी। विभाजन के बाद लाल कृष्ण आडवाणी दिल्ली में आकर बस गए। लाल कृष्ण आडवाणी का भाजपा से बहुत पुराना और गहरा रिश्ता है। लाल कृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी की दोस्ती और पार्टी के किस्से सबसे ज्यादा मशहूर हुआ करते थे। हालांकि लाल कृष्ण आडवाणी को असल पहचान राम मंदिर आंदोलन से मिली, जहां उन्होंने रथ यात्रा निकालते हुए बिहार के समस्तीपुर में जनसभा का आयोजन किया था। कहा जाता है कि उस वक्त लाल कृष्ण आडवाणी को देखने के लिए पूरा शहर सड़कों पर उतर आया था और हर तरफ जय श्री राम के नारे लगने शुरू हो गए थे, हालांकि समस्तीपुर में ही लाल कृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी की प्लानिंग भी हो रही थी और ये प्लानिंग कर रहे थे उस वक्त के बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव। लालू प्रसाद यादव ने सर्किट हाउस से ही गिरफ्तारी करवाई थी। गिरफ्तारी की खबर के बाद से पूरे राज्य में लाठीचार्ज और बाकी जरूरी सेवाओं को बंद करना पड़ा था।