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Guru Gobind Singh Jayanti 2022: गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर पीएम मोदी का बड़ा ऐलान, अब हर 26 दिसंबर को मनाया जाएगा ‘वीर बाल दिवस’

pms announcement veer bal diwas : दरअसल,  अब हर वर्ष आने वाली 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। गौर करने वाली बात है कि यह ऐलान आज यानी की 9 जनवरी को सिखों के पुज्यनीय गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के मौके पर किया गया है।

नई दिल्ली। अगर आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गतिविधियों को लेकर सक्रिय रहने वाले लोगों में शुमार हैं, तो आपने एक बात जरूर गौर की होगी कि जब कभी-भी उनके द्वारा कोई ऐलान किया जाता है, तो सियासी गलियारों चर्चा का बाजार गुलजार हो जाता है। लोगों के जेहन में यह जानने की आतुरता अपने चरम पर पहुंच जाती है कि आखिर इस ऐलान के पीछे की क्या वजह है? आखिर किन हितों व सरोकारों को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी की तरफ से ये ऐलान किया गया है? खैर, इतना सब कुछ पढ़ने के बाद आप समझ ही गए होंगे कि बात अगर ऐलानों की हो रही है, तो जरूर पीएम मोदी की तरफ से एक बार फिर से जरूर कोई ऐलान किया गया, तो अगर बतौर पाठक आप कुछ ऐसा ही सोच रहे हैं, तो आप बिल्कुल ठीक सोच रहे हैं। आइए, आगे की रिपोर्ट में हम आपको पूरे तफसील से बताए चलते हैं कि आखिर पीएम मोदी की तरफ से क्या और क्यों किया गया यह ऐलान।

PM Narendra Modi

दरअसल,  अब हर वर्ष आने वाली 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। गौर करने वाली बात है कि यह ऐलान आज यानी की 9 जनवरी को सिखों के पुज्यनीय गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के मौके पर किया गया है। पीएम मोदी ने अपने इस ऐलान के बारे में छुपी अपनी भूमिका के बारे में बताते हुए ट्वीट कर कहा कि,  ‘आज, श्री गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के पावन अवसर पर, मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि इस साल से 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। यह साहिबजादों के साहस के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी।’ पीएम मोदी ने आगे अपने टवीट में कहा कि, माता गुजरी, श्री गुरु गोविंद सिंह जी और साहिबजादों की वीरता और आदर्श लाखों लोगों को शक्ति देते हैं। वे अन्याय के आगे कभी नहीं झुके। उन्होंने एक ऐसी दुनिया की कल्पना की जो समावेशी और सामंजस्यपूर्ण हो। अधिक से अधिक लोगों को उनके बारे में बताना समय की मांग है।’

पीएम मोदी कहा कि, ‘वीर बाल दिवस’ उसी दिन मनाया जाएगा, जिस दिन साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी को एक दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था। इन दोनों महानुभावों ने धर्म के महान सिद्धांतों से डिगने की बजाय मौत को चुना था। बहरहाल, सियासी गलियारों में अब पीएम मोदी के इस आइए को सियासी चश्मों से देखे जाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। बताया जा रहा है कि पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मतदाताओं को रिझाने के ध्येय से उक्त ऐलान किया गया है। गौरतलब है कि पंजाब के मतदाता बीजेपी से छिटकते हुए नजर आ रहे हैं जिसे ध्यान में रखते हुए आगामी दिनों में पीएम मोदी का यह ऐलान कितना कमाल दिखा पाता है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। खैर, यह तो रहा पीएम मोदी के ऐलान का सियासी चश्मा। लेकिन, आइए आगे इस रिपोर्ट में एक नजर गुरु गोबिंद सिंह की अविस्मरणीय गाथा पर भी डालते हैं।

गुरु गोबिंद सिंह की आविस्मरणीय शौर्यता का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपने चारों बेटों के प्राणों की आहुति देने में भी कोई गुरेज नहीं किया था। गुरु गोबिंद सिंह के 9 और 6 साल के दोनों  बेटे 1704 में धर्म की रक्षा केलिए शहीद हो गए थे। गुरु गोबिंद सिंह की गाथा आने वाले बेशुमार नस्लों को हमेशा से प्रेरित करती रहेंगी। गुरु गोबिंद सिंह की इसी अविस्मरणीय कथा को ऐतिहासिक रूप प्रदान करने की दिशा में पीएम मोदी की तरफ से उक्त ऐलान किया गया है। बहरहाल, ये और बात है कि पीएम मोदी के इस ऐलान को चुनावी चश्मे से देखे जाने का भी सिलसिला शुरू हो चुका है।