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Ayurveda Day: पीएम मोदी ने देश को समर्पित किए दो आयुर्वेद संस्थान, आयुर्वेद के महत्व को लेकर कही ये बात

PM Modi inaugurates two Ayurveda institutes: शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आयुर्वेद दिवस पर दो आयुर्वेद संस्थानों राष्ट्र को समर्पित किया। आयुर्वेद दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान और गुजरात में दो आयुर्वेद संस्थानों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया है।

नई दिल्ली। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आयुर्वेद दिवस पर दो आयुर्वेद संस्थानों राष्ट्र को समर्पित किया। आयुर्वेद दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान और गुजरात में दो आयुर्वेद संस्थानों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया है। पीएम मोदी ने गुजरात के जामनगर के आयुर्वेद अध्यापन एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) और जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) का उद्घाटन किया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने आयुर्वेद के महत्व को लेकर बात की। पीएम मोदी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन, पारंपरिक दवाओं पर शोध को मजबूत करने के लिए भारत में पारंपरिक चिकित्सा पर डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर की स्थापना कर रहा है।

अहम बातें-

कोरोना काल में पूरी दुनिया में आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है। बीते साल की तुलना में इस साल सितंबर में आयुर्वेदिक उत्पादों का निर्यात करीब डेढ गुना बढ़ा है। मसालों के निर्यात में भी काफी बढ़ोतरी दर्ज हुई हैं।

आज एक तरफ भारत जहां वैक्सीन की टेस्टिंग कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ कोविड से लड़ने के लिए आयुर्वेदिक रिसर्च पर भी International Collaboration को तेजी से बढ़ा रहा है। इस समय 100 से ज्यादा स्थानों पर रिसर्च चल रही है।

कोरोना से मुकाबले के लिए जब कोई प्रभावी तरीका नहीं था तो भारत के घर-घर में हल्दी, काढ़ा, दूध जैसे अनेक इंम्यूनिटी बूस्टर जैसे उपाय बहुत काम आये। इतनी बड़ी जनसंख्या वाला हमारा देश अगर आज संभली हुई स्थिति में है तो उसमें हमारी इस परंपरा का बहुत बड़ा योगदान है।

PM Narendra Modi

21वीं सदी का भारत अब टुकड़ों में नहीं, Holistic तरीके से सोचता है। Health से जुड़ी चुनौतियों को भी अब holistic approach के साथ उसी तरीके से ही सुलझाया जा रहा है। आज देश में सस्ते और प्रभावी इलाज के साथ साथ Preventive healthcare पर wellness ज्यादा फोकस किया जा रहा है।

इसी साल संसद के मानसून सत्र में दो ऐतिहासिक आयोग भी बनाए गए हैं। – National Commission for Indian System of Medicine – National Commission for Homeopathy नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारत की मेडिकल एजुकेशन में इंटीग्रेशन की एप्रोच को प्रोत्साहित किया गया है।

मुझे विश्वास है कि हमारे साझा प्रयासों से आयुष ही नहीं बल्कि आरोग्य का हमारा पूरा सिस्टम एक बड़े बदलाव का साक्षी बनेगा।

PM Narendra Modi

कहते हैं कि जब कद बढ़ता है तो दायित्व भी बढ़ता है। आज जब इन 2 महत्वपूर्ण संस्थानो का कद बढ़ा है, तो मेरा एक आग्रह भी है- अब आप सब पर ऐसे पाठ्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी है जो International Practices के अनुकूल और वैज्ञानिक मानकों के अनुरूप हो।

गर्व की बात है कि WHO ने Global Centre for Traditional Medicine की स्थापना के लिए भारत को चुना है। अब भारत से दुनिया के लिए इस दिशा में काम होगा। भारत को ये बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए मैं WHO और उसके महानिदेशक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

इस बार का आयुर्वेद दिवस गुजरात और राजस्थान के लिए विशेष है। ये हमारे युवा साथियों के लिए भी विशेष है। आयुर्वेद भारत की एक विरासत है, जिसके विस्तार में पूरी मानवजाति की भलाई है। आज ब्राजील की राष्ट्रीय नीति में आयुर्वेद शामिल है