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PM Modi BRICS Summit: ब्रिक्स में हिस्सा लेने दक्षिण अफ्रीका रवाना हुए पीएम मोदी, लद्दाख मसले पर शी जिनपिंग से बैठक की फिलहाल योजना नहीं

मोदी और जिनपिंग के बीच इंडोनेशिया के बाली में जी-20 देशों की बैठक के दौरान थोड़ी देर बातचीत हुई थी। जिनपिंग ने खुद आगे बढ़कर मोदी से हाथ मिलाया था, लेकिन लद्दाख में चीन की सेना की घुसपैठ के बारे में दोनों नेताओं के बीच कोई चर्चा नहीं हुई थी।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने दक्षिण अफ्रीका की राजधानी जोहानेसबर्ग रवाना हो गए हैं। मोदी वहां सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद ग्रीस भी जाएंगे। किसी भारतीय पीएम का ग्रीस दौरा 40 साल बाद होने वाला है। बात करें ब्रिक्स सम्मेलन की, तो इसमें मुख्य सदस्य भारत, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन इस सम्मेलन में वर्चुअली शामिल होंगे। बाकी भारत से मोदी के अलावा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति मतेमेला सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइस एनासियो लूला द सिल्वा इसमें हिस्सा लेंगे। ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन में 35 और देशों के प्रतिनिधि भी जुटने वाले हैं।

फिलहाल मिली जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी लद्दाख में चीन की फौज के घुसपैठ मसले पर वहां के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से वन टू वन बातचीत नहीं करने वाले हैं। पहले खबर आई थी कि जोहानेसबर्ग में पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच बातचीत होगी। विदेश मंत्रालय ने इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा है। हालांकि, कूटनीति के मामले में परिस्थितियां लगातार बदलती हैं और मोदी-जिनपिंग की बातचीत हो भी सकती है। मोदी और जिनपिंग के बीच इंडोनेशिया के बाली में जी-20 देशों की बैठक के दौरान थोड़ी देर बातचीत हुई थी। जिनपिंग ने खुद आगे बढ़कर मोदी से हाथ मिलाया था, लेकिन लद्दाख में चीन की सेना की घुसपैठ के बारे में दोनों नेताओं के बीच कोई चर्चा नहीं हुई थी।

PM Modi and Jinping
बाली में शी जिनपिंग ने मोदी से हाथ मिलाकर कुछ देर बातचीत की थी।

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मोदी मौजूदा वैश्विक हालात और इससे पार पाने के कदमों पर अपनी राय रख सकते हैं। माना जा रहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को खत्म कराने की कोई पहल भी ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन से मोदी कर सकते हैं। मोदी पहले ही रूस और यूक्रेन से बातचीत के जरिए संकट का हल निकालने की राय दे चुके हैं। इसके अलावा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आपसी सहयोग और क्षेत्रीय अखंडता को लेकर भी सदस्य देशों के बीच चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है।