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मन की बात : भारतीयों के Innovation और Solution देने की क्षमता का लोहा हर कोई मानता है : पीएम मोदी

पीएम मोदी(PM Modi) के इस रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण आज सुबह 11 बजे से शुरू हुआ। बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 26 जुलाई को मन की बात(Man Ki Bat) कार्यक्रम के 67वें संस्करण के तहत देश को संबोधित किया था।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित किया। यह 68वीं बार होगा जब पीएम मोदी देशवासियों से मन की बात कार्यक्रम के जरिए जुड़े। पीएम मोदी के इस रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण आज सुबह 11 बजे से शुरू हुआ। बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 26 जुलाई को मन की बात कार्यक्रम के 67वें संस्करण के तहत देश को संबोधित किया था।

pm modi man ki bat

बता दें कि मन की बात कार्यक्रम से पहले पीएम मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के लिए 18 अगस्त को लोगों से इनपुट्स और विचारों को साझा करने के लिए कहा था।

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जो देश के लिए खप गए, ऐसे महान व्यक्तित्वों को अगर हम सामने लाएंगे तो उनकों सच्ची श्रद्धांजलि होगी। जब हम 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मना रहे हैं तब मैं मेरे शिक्षक साथियों से जरूर आग्रह करूंगा कि वे इसके लिए एक माहौल बनाएं सब को जोड़ें और सब मिल करके जुट जाएं।

अपने जिले और क्षेत्र में आजादी के आंदोलन के समय क्या हुआ, कौन शहीद हुआ, कौन कितने समय तक जेल में रहा। यह बातें हमारे विद्यार्थी जानेंगे तो उनके व्यक्तित्व में भी इसका प्रभाव दिखेगा। इसके लिए बहुत से काम किए जा सकते हैं, जिसमें हमारे शिक्षकों का बड़ा दायित्व है।

वर्ष 2022 में हमारे देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनाएगा। स्वतंत्रता के पहले अनेक वर्षों तक देश में आजादी का जन्म उसका एक लम्बा इतिहास रहा है। यह बहुत आवश्यक है कि हमारी आज की पीढ़ी आजादी की जंग और हमारे देश के नायकों से परिचित रहे, उसे उतना ही महसूस करे।

पढाई में तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कैसे हो, नए तरीकों को कैसे अपनाएं, छात्रों को मदद कैसे करें यह हमारे शिक्षकों ने सहजता से अपनाया है और अपने students को सिखाया भी है।

Indian breed के dogs भी बहुत अच्छे और सक्षम होते हैं। अब हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने भी Indian breed के dogs को अपने सुरक्षा दस्ते में शामिल कर रही हैं। अगली बार जब आप भी dog पालने की सोचें तो आप भी जरूर Indian breed के dog घर लाएं।

पीएम मोदी ने कहा कि, Dogs की Disaster management और Rescue missions में भी बहुत बड़ी भूमिका होती है भारत में National Disaster Response Force – NDRF ने ऐसे दर्जनों dogs को specially train किया है।

Indian Army Dogs

बीते दिनों जब हम अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहे थे, तब एक खबर पर मेरा ध्यान गया। ये खबर Indian Army के dogs सोफी और विदा की है। सोफी और विदा को अपने देश की सेवा करते हुए अपना कर्तव्य बखूबी निभाने के लिए Chief of Army Staff Commendation Cards से सम्मानित किया गया है।

भारत एक विशाल देश है, खान-पान में ढेर सारी विविधता है। इसीलिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि हर क्षेत्र के मौसम, वहां के स्थानीय भोजन और वहां पैदा होने वाले अन्न, फल और सब्जियों के अनुसार एक पोषक, nutrient rich, diet plan बने।

Nutrition के इस आंदोलन में people participation भी बहुत जरुरी है। जन-भागीदारी ही इसको सफल करती है। पिछले कुछ वर्षों में इस दिशा में, देश में काफी प्रयास किए गए हैं।

हमारे यहां के बच्चे, हमारे विद्यार्थी, अपनी पूरी क्षमता दिखा पाएं, अपना सामर्थ्य दिखा पाएं, इसमें बहुत बड़ी भूमिका nutrition की भी होती है। पूरे देश में सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा।

भारतीयों के innovation और solution देने की क्षमता का लोहा हर कोई मानता है और जब समर्पण भाव हो, संवेदना हो तो ये शक्ति असीम बन जाती है।

PM Narendra Modi

खिलौनों के साथ हम दो चीजें कर सकते हैं – अपने गौरवशाली अतीत को अपने जीवन में फिर से उतार सकते हैं और अपने स्वर्णिम भविष्य को भी संवार सकते हैं।

Global toy industry, 7 लाख करोड़ से भी अधिक की है। 7 लाख करोड़ रुपयों का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है। जिस राष्ट्र के पास इतने विरासत हो, परम्परा हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी चाहिए।

हमारे देश में Local खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है। कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं। भारत के कुछ क्षेत्र Toy Clusters यानी खिलौनों के केन्द्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं।

खिलौने जहां activity को बढ़ाने वाले होते हैं, तो खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं। खिलौने केवल मन ही नहीं बहलाते, खिलौने मन बनाते भी हैं और मकसद गढ़ने वाले भी होते हैं।

बिहार के पश्चिमी चंपारण में सदियों से थारू आदिवासी समाज के लोग 60 घंटे के लॉकडाउन, उनके शब्दों में ‘60 घंटे के बरना’ का पालन करते हैं। प्रकृति की रक्षा के लिए बरना को थारू समाज के लोगों ने अपनी परंपरा का हिस्सा बना लिया है और ये सदियों से है।

हम बहुत बारीकी से अगर देखेंगे, तो एक बात अवश्य हमारे सामने आएगी- हमारे पर्व और पर्यावरण। इन दोनों के बीच एक बहुत गहरा नाता है।

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में नागरिकों में अपने दायित्वों का अहसास है। हर तरह के उत्सवों में लोग संयम बरत रहे हैं। देश में हो रहे हर आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है।

पीएम मोदी ने कहा कि, आम तौर पर ये समय उत्सव का है। जगह-जगह मेले लगते हैं, धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं। कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग और उत्साह तो है ही, मन को छू लेने वाला अनुशासन भी है।