नई दिल्ली। साल 2023। तारीख 23 अगस्त। समय 6 बजकर 4 मिनट। यह साल, तारीख, समय अब इतिहास के पन्नों में सदा-सर्वदा के लिए दर्ज हो चुका है। इस दिन पूरे देश की निगाहें टीवी स्क्रीन पर टिकी हुई थी और जो टीवी पर नहीं थे। वो मोबाइल की स्क्रीन पर नजर टिकाए बैठे थे। सभी के दिल की धड़कने तेज थीं। सभी की सांसें थम सी गई थीं। सभी के जेहन में बस एक ही सवाल था कि क्या चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर लैंड कर दुनिया का पहला देश बनकर नया कीर्तिमान स्थापित कर पाएगा?, क्योंकि बीते रविवार को ही रूस का लूना मिशन चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर लैंड करने से चूक गया था, जिसके बाद लाजिमी है कि पूरे विश्व की निगाहें भारत की ओर हो, लेकिन चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर लैंड कर भारतीय वैज्ञानिकों ने भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व को यह संदेश दिया है कि हम किसी से कम नहीं हैं। भारत यह कारनामा करने वाला दुनिया का पहला देश बन चुका है।
इस ऐतिहासिक पल के जीवंत साक्षी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बने। बता दें कि अभी प्रधानमंत्री ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने साउथ अफ्रीका पहुंचे हैं, जहां से उन्होंने इस ऐतिहासिक पल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देखा। इसके बाद उन्होंने इसरो प्रमुख एस सोमनाथ से फोन पर वार्ता की और उन्हें इस खास उपलब्धि पर बधाई भी दी। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा प्राप्त की गई इस विशेष उपलब्धि का जिक्र किया। आइए, आगे कि रिपोर्ट में आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है?
बता दें कि प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स सम्मलेन में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों का जिक्र कर कहा कि , ‘”यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इस उपलब्धि को पूरी मानवता के लिए एक उपलब्धि के रूप में स्वीकार किया जा रहा है… …भारत, इसके लोगों और हमारे वैज्ञानिकों की ओर से, मैं वैज्ञानिकों और विश्व के वैज्ञानिक समुदाय को उनके लिए धन्यवाद देता हूं इस ऐतिहासिक क्षण पर शुभकामनाएं..”
#WATCH PM Modi on the success of #Chandrayaan-3 mission at the 15th BRICS Summit in Johannesburg
“It is a matter of pride for us that this achievement is being accepted as an achievement for all of humanity… …On behalf of India, its people and our scientists, I thank the… pic.twitter.com/QM6131xsAa
— ANI (@ANI) August 24, 2023
इससे पहले प्रधानमंत्री साउथ अफ्रीका से इस ऐतिहासिक पल का जीवंत गवाह बनने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे। वहीं, अब खबर है कि साउथ अफ्रीका से स्वदेश आने के बाद प्रधानमंत्री भारतीय वैज्ञानिकों से जु़ड़ेंगे और उनकी हौसला आफजाई करेंगे। बता दें कि ब्रिक्स में शिरकत करने पहुंचे प्रधानमंत्री को चंद्रयान-3 की सफलता को कई अन्य देशों ने भी बधाई दी थी। ध्यान दें, चंद्रयान-3 की सफलता इस लिहाज से अहम जाती है, क्योंकि 2019 में चंद्रयान-2 किसी तकनीकी खामी की वजह से विफल हो गया था, जिससे पूरे देश का दिल टूट गया था। इतना ही नहीं, इसरो के तत्कालीन प्रमुख एस सोमनाथ तो इस कदर टूट गए थे कि वो प्रधानमंत्री के गले पड़कर रोने लगे थे, जिसके बाद पीएम मोदी ने उन्हें गले लगाकर दिलासा दिया था।