नई दिल्ली। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम के दौरे के बाद पश्चिम बंगाल के हुगली (Hooghly) पहुंचे। वहां उन्हें, देखने और सुनने के लिए भीड़ बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही थी। इस इंतजार को इसी से समझा जा सकता है कि जब पीएम मोदी मंच पर पहुंचे तो पश्चिम बंगाल के लोगों ने पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया। स्वागत में लोगों ने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए। लोगों का उत्साह देखकर ही लग रहा था कि पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए पीएम मोदी की क्या अहमियत है। बता दें कि पीएम मोदी के मंच पर पहुंचने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है। उसे लोग जमकर शेयर कर रहे हैं। इस वीडियो में पीएम मोदी को देखते हुए लोग उत्साह में आवाजें लगा रहे हैं, नारे लगा रहे हैं, और वहीं पीएम मोदी अपना हाथ हिलाते हुए लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे हैं।
बता दें कि पीएम मोदी के इस वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब शेयर भी किया जा रहा है। वहीं लोगों के उत्साह को देखते हुए पीएम मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि, आप लोगों का ये उत्साह, ये उमंग, ये ऊर्जा कोलकाता से लेकर दिल्ली तक बहुत बड़ा संदेश दे रहा है। अब पश्चिम बंगाल परिवर्तन का मन बना चुका है।
Prime Minister @narendramodi was welcomed in Bengal with chants of ‘Vande Matram’ and a hugest crowd ever seen in past few years. #ModiInBengal #WestBengal @BJP4Bengal pic.twitter.com/VfoCaqi0Jk
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) February 22, 2021
बता दें इस रैली में पीएम मोदी ने कहा कि, आज इस वीर धरा से प. बंगाल अपने तेज विकास के संकल्प को सिद्ध करने के लिए एक बड़ा कदम उठा रहा है। पिछली बार मैं आपको गैस कनेक्टिविटी का, इंफ्रास्ट्रक्चर का उपहार देने आया था। आज रेल और मेट्रो कनेक्टिविटी को मजबूत करने वाले महत्वपूर्ण काम शुरु होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि, अब हमें और देर नहीं करनी है। हमें एक पल भी रुकना नहीं है। हमें एक पल भी गंवाना नहीं है। इसी सोच के साथ आज देश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर अभूतपूर्व जोर दिया जा रहा है, अभूतपूर्व निवेश किया जा रहा है।
उन्होंने बंगाल के किसानों को लेकर कहा कि, “बंगाल के लाखों किसान परिवारों को पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा इसी मानसिकता के कारण नहीं मिल पाया है। उनके हक को यहां की सरकार में बैठे हुए लोगों ने छीन लिया है।”
पीएम मोदी ने रैली में कहा-
बंगाल में निवेश के लिए उत्साह की कमी नहीं है, मुसीबत है तो सरकार ने जो कट ,कट का जो कल्चर बनाया है, सिंडिकेट के हवाले बंगाल कर दिया है। उसी के करण ये माहौल बिगड़ता गया है।
बंगाल का विकास तब तक संभव नहीं है, जबतक शासन-प्रशासन गुंडों को आश्रय देगा। बंगाल का विकास तब तक संभव नहीं है, जब तक कानून का राज प. बंगाल में स्थापित नहीं होता। ये तब तक संभव नहीं है, जबतक पश्चिम बंगाल के सामान्य जन की सुनवाई करने वाली सरकार यहां नहीं बनती।
इस स्थिति को, पश्चिम बंगाल के बारे में बनाई गई इस धारणा को हमें मिलकर बदलना है, इसलिए यहां परिवर्तन लाना है, कमल खिलाना है।
आज के पश्चिम बंगाल में किराए पर बिल्डिंग भी लेनी हो तो उसमें भी कट लगता है। ये ऐसे बदमाशी कर रहे हैं कि दोनों तरफ से कट लेते हैं। बिना सिंडिकेट की इजाजत के किराए पर बिल्डिंग भी नहीं ले सकते।
जब से केंद्र में भाजपा सरकार आई है, तबसे जूट किसानों की चिंता की गई है। अब तो गेहूं की पैकेंजिंग में जूट के बोरों को कंपल्सरी किया गया है। चीनी की पैकिंग के लिए भी बड़ी मात्रा में जूट का उपयोग अब हो रहा है।
एक दौर था जब पश्चिम बंगाल की जूट मिलें, देश की अधिकांश जरूरतों को पूरा करती थीं। लेकिन इस इंडस्ट्री को भी अपने हाल पर छोड़ दिया गया था। जबकि इससे हमारे किसान, हमारे श्रमिक, हमारे गरीब सीधे जुड़े होते हैं।
हुगली जिला तो भारत में उद्योगों का एक प्रकार से हब था। हुगली के दोनों किनारों पर जूट इंडस्ट्री थी, आयरन और स्टील, मशीनों के बड़े-बड़े कारखाने थे। बड़े पैमाने पर यहां से निर्यात होता था। लेकिन अब आज हुगली की क्या स्थिति है, ये आप भली-भांति जानते हैं।