अहमदाबाद। पाटीदार आंदोलन और उससे उपजा एक युवा नेता। नाम हार्दिक पटेल। हार्दिक ने गुजरात में सत्तारूढ़ बीजेपी का विरोध कर सियासत में कदम रखे थे। वो लगातार बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयानबाजी करते रहे। तमाम जगह घूम-फिर कर वो कांग्रेस में पहुंचे। कांग्रेस ने उन्हें हाथों हाथ लिया और हार्दिक पटेल भी वहां पहुंचकर खुश दिखे, लेकिन अब हार्दिक कांग्रेस से खफा हैं। वजह वो कई बता रहे हैं। एक वजह ये कि पार्टी आलाकमान से उन्हें अपना दर्द बताने के लिए भरपूर टाइम नहीं मिलता। दूसरी वजह गुजरात कांग्रेस के तमाम नेता उन्हें किनारे किए हुए हैं। तीसरी वजह पार्टी के कार्यक्रमों से उन्हें दूर रखा जाता है और बैनर पोस्टर पर फोटो तो क्या, नाम तक नहीं डाला जाता।
ऐसे में अब हार्दिक पटेल का झुकाव बीजेपी की तरफ दिख रहा है। गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और हार्दिक को गंवाकर कांग्रेस को पाटीदार वोटों का तगड़ा झटका लग सकता है। हार्दिक की तरफ से बताया जा रहा है कि अपने अगले कदम का एलान वो अगले हफ्ते दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात के बाद तय करेंगे। हार्दिक कितने नाराज हैं, ये इसी से पता चलता है कि वो राजस्थान के उदयपुर में हो रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर तक में शामिल नहीं हुए हैं। इसकी वजह भी राहुल गांधी ही बताए जा रहे हैं। दरअसल, राहुल गांधी हाल ही में गुजरात गए थे। हार्दिक ने उन्हें संदेश भिजवाया कि वो मिलकर अपनी बात रखना चाहते हैं। फिर भी राहुल ने हार्दिक को कुछ मिनट ही मिलने के लिए दिए। इससे भी हार्दिक का हृदय टूटने की बात कही जा रही है।
बहरहाल, ये तय है कि गुजरात की सियासत में हार्दिक का अगला पड़ाव अब अगले हफ्ते तय होना है। वो कांग्रेस में रहेंगे या बीजेपी या फिर आम आदमी पार्टी का दामन थामेंगे, ये वक्त की बात है और वक्त जल्दी ही आने वाला है। वैसे, आसार इसी के ज्यादा जताए जा रहे हैं कि हार्दिक अगर कांग्रेस में न रहे, तो बीजेपी में जाएंगे। इसकी वजह बीते दिनों बीजेपी की तारीफ में उनके दिए बयान बताए जा रहे हैं।