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NHRC Foundation Day: कश्मीर में हुई हिन्दू और सिखों की हत्या पर चुप्पी साधने वालों को पीएम मोदी ने सुनाई खरी-खोटी! बताया देश के लिए खतरा

NHRC Foundation Day: जम्मू कश्मीर में आतंकियों द्वारा चुन-चुन कर गैर मुस्लिमों की हत्या किये जाने पर पहली बार पीएम मोदी ने अपनी चुप्पी थोड़ी है। पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में कश्मीर में हुई गैर मुस्लिमों की हत्या पर चुप्पी साधे सेक्युलर नेताओं को खरी-खरी सुनाई।

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में आतंकियों द्वारा चुन-चुन कर गैर मुस्लिमों की हत्या किये जाने पर पहली बार पीएम मोदी ने अपनी चुप्पी थोड़ी है। पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में कश्मीर में हुई गैर मुस्लिमों की हत्या पर चुप्पी साधे ‘सेक्युलर नेताओं’ को खरी-खरी सुनाई। दरअसल पीएम मोदी ने कहा कि एक ही प्रकार की किसी घटना में कुछ लोगों को मानवाधिकार का हनन दिखता है और वैसी ही किसी दूसरी घटना में उन्हीं लोगों को मानवाधिकार का हनन नहीं दिखता। पीएम मोदी के इस बयान को पिछले दिनों हुई जम्मू कश्मीर में घटनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है।

चुनिंदा घटनाओं पर मानवाधिकार की दुहाई देने वालों पर बरसे पीएम मोदी 

आपको बता दें कि मंगलवार को पीएम मोदी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस पर बोल रहे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी नेता, पार्टी, संस्थान का नाम तो नही लिया लेकिन इशारों इशारों में बेहद तीखा प्रहार किया है। पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मानव अधिकारों पर चुनिंदा व्यवहार लोकतंत्र के लिए खतरा है। मानवाधिकार का बहुत ज्यादा हनन तब होता है जब उसे राजनीतिक रंग से देखा जाता है, राजनीतिक चश्मे से देखा जाता है, राजनीतिक नफा-नुकसान के तराजू से तौला जाता है। इस तरह का सलेक्टिव व्यवहार, लोकतंत्र के लिए भी उतना ही नुकसानदायक होता है।

सेलेक्टिव व्यवहार लोकतंत्र के लिए हानिकारक-पीएम मोदी 

पीएम मोदी ने चुनिंदा घटनाओं पर मानवाधिकार की दुहाई देने वालों पर बरसते हुए कहा कि हाल के वर्षों में मानवाधिकार की व्याख्या कुछ लोग अपने-अपने तरीके से, अपने-अपने हितों को देखकर करने लगे हैं। कुछ लोग किसी घटना में मानवाधिकारों के उल्लंघन की बात करते हैं, लेकिन वैसी ही किसी दूसरी घटना पर चुप्पी साध जाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि इस तरह का सेलेक्टिव व्यवहार लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। ऐसे लोग अपने इस तरह के बर्ताव से देश की छवि को खराब करने की कोशिश करते हैं।

कश्मीर में हुई चुनिंदा हत्याओं पर चुप्पी क्यों?

आपको बता दें कि देश में कुछ घटनाओं को लेकर जमकर राजनीति होती है, मानाधिकार की दुहाई दी जाती है लेकिन ठीक उसी तरह की दूसरी घटना को लेकर चुप्पी छा जाती है। हाल ही घटनाओं पर बात करें तो जम्मू-कश्मीर में पिछले दिनों आंतकियों ने आईडी कार्ड देखकर गैर मुस्लिमों की हत्या कर दी थी। एक के बाद एक चार लोगों की हत्या से पूरे देश में सनसनी मची लेकिन किसी ने भी मानवाधिकार की बात नहीं की, जबकि किसी आतंकी को सेना गोली मारती है तो ना सिर्फ मानवाधिकार की दुहाई दी जाती है बल्कि देश के कुछ नेता और पार्टियां समर्थन भी करती है।