नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार यानी 19 नवबंर को 9 बजे अचानक राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आज तीन कृषि कानूनों को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया। पीएम मोदी ने गुरु पर्व के मौके पर किसानों की मांग के आगे झुकते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए किसानों से सच्चे मन से माफी भी मांगी। पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद देशभर के किसानों में खुशी का माहौल है। विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। गौरतलब है कि कृषि कानून के मुद्दे को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दल जमकर सियासत कर रहे है। इतना ही नहीं विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें एक अहंकारी नेता तक कह डाला हैं। लेकिन पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद आलोचकों को एक जवाब दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ”मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए सच्चे मन और पवित्र हृदय से माफी मांगता हूं। शायद हमारी तपस्या में ही कोई कमी रही होगी जिसके कारण दीए के प्रकाश जैसा सत्य कुछ किसानोंं भाईयों को हम समझा नहीं पाए। आज गुरु नानक जी प्रकाश पर्व है ये समय किसी को भी दोष देने का नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि आज हमनें तीनों कृषि कानूनो को वापस लेने का फैसला किया है।”
“हम प्रकाश जैसा सत्य किसानों को समझा नहीं पाए देशवासियों से क्षमा मांगते हुए तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा करता हूं” : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/nyYWS99unC
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) November 19, 2021
जनता का ऐसा मिला जवाब
पीएम मोदी के इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। पीएम मोदी के इस फैसले पर खुशी जताते हुए रंजीत नाम के यूजर ने लिखा, ”मोदी जी आपने सही फैसला लिया भारत के किसान कि उन्नति के लिए कोई भी कानून भारत के किसान की सहमति से होना चाहिए ना कि चुनिंदा लोग संसद मे बैठ मनमानी करें। श्री गुरु नानक देव जी के के प्रकाश पर्व के दिन आपने हम भारतवासियों खास कर हम पंजाब वासियों को जो खुशी दी है। आपका धन्यवाद।”
मोदी जी आपने सही फैसला लिया भारत के किसान कि उन्नति के लिए कोई भी कानून भारत के किसान की सहमति से होना चाहिए ना कि चुनिंदा लोग संसद मे बैठ मनमानी करें
श्री गुरु नानक देव जी के के प्रकाश पर्व के दिन आपने हम भारतवासियों खास कर हम पंजाब वासियों को जो खुशी दी है
आपका धन्यवाद— Ranjit Kumar (@RanjitK95109313) November 19, 2021
“संबंध”
देश सर्वोपरि
मोदी जी हारकर भी जीत गये,
किसान जीत कर भी हार गये,कभी भी सबसे
जीतकर नही निभाए जाते,
संबंधों की,खुशहाली के लिए झुकना होता है,
सहना होता है,दूसरो को जिताना होता है और स्वयं को
हराना होता है।भारत माता की जय???
जय श्री राम??
वंदेमातरम्?— कृष्णा राय (@Krishna68641947) November 19, 2021
वहीं कृषि कानूनों को लेकर पीएम मोदी के बैकफुट पर अपने पर कुछ लोगों ने सरकार पर निशाना साधा।
अब उनका क्या होगा जो अब से कुछ घण्टे पहले तक कृषि कानूनों के फायदे गिना रहे थे और अब वही लोग रद्द किए गए कृषि कानूनों के लिए मोदी जी को धन्यवाद दे रहे है।
इसका कोई लॉजिकल कारण तो बता दे सर।
— रौशन नारायण (@roushan_narayan) November 19, 2021
शर्म करिए, यही करना था तो एक साल से नौटंकी क्यों चल रही थी ? जो इस किसान आन्दोलन में अपनी जान गंवा बैठे उनकी जिम्मेदारी कौन लेगा ? अपनी बात पर टिक नहीं सकते तो टिकैतों के सामने घुटने टेकिए..?
— Dr.Seema (@bghwa02) November 19, 2021
आरे भाई साहब और कितनी सीटें चाहिए कड़े फैसले लेने के लिए। चुनाव में ४०० सीटें भी ले आए तो करना क्या है ? कोईभी रास्ते में बैठ के हाईवे बंद करके अपनी बात मनवा लेगा और आप घुटने टेक देंगे। तो एक ही काम बचा आप लोगों के लिए, खाली स्लोगन दीजिए। सबका साथ – सबका बकवास – सबका बिनास
— Kiss my axe (@ghoda_dimba) November 19, 2021