नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम मामले में जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए दिल्ली सरकार से पिछले तीन वित्त वर्षों में विज्ञापनों पर हुए खर्चों का ब्योरा तक मांग लिया है। कोर्ट में रीजनल रैपिड ट्रॉजिट को लेकर सुनवाई हो रही थी। दरअसल, इसके निर्माण के बाद दिल्ली की राजस्थान और हरियाणा से सड़क मार्ग से दूरी कम हो जाएगी, जिसका फायदा आम मुसाफिरों को होगा, लेकिन विडंबना देखिए कि दिल्ली सरकार ने कोर्ट में दो टूक कह दिया कि वो इसके निर्माण में किसी भी वित्तीय सहायता प्रदान करने की स्थिति में नहीं है, जिस पर कोर्ट ने बिफरते हुए गत तीन वर्षों में विज्ञापनों पर हुए खर्चों का ब्योरा मांग लिया।
वहीं, जस्टिस सुंधाशु धूलिया की बैंच ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह दो हफ्ते के अंदर फंड की जानकारी जुटाकर मुहैया कराए। सुंधाशु धूलिया की पीठ ने कहा कि हम यह जानना चाहते हैं कि आपने गत तीन वर्षों में विज्ञापनों पर कितना खर्च किया है और उस विज्ञापन से आपको कितना फायदा पहुंचा है, इसकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराए।
पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार ने धन की कमी को अपनी एक बाधा के रूप में रेखांकित करने की कोशिश की, इसलिए अब हमने दिल्ली सरकार को इस मामले में एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है, ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सकें।