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Ravidas Jayanti: संत रविदास की जयंती पर मंदिर जाकर झूमे PM मोदी, मंजीरा बजाकर भजन में लिया हिस्सा

Ravidas Jayanti: रविदास मंदिर में प्रधानमंत्री मोदी ने श्रद्धालुओं के साथ भजन-कीर्तन में हिस्सा लिया। साथ ही महिलाओं के साथ मोदी ने मंजीरा भी बजाया। पीएम ने ट्वीट कर इसका वीडियो लोगों के साथ शेयर किया है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को रविदास जयंती के मौके पर दिल्ली के करोल बाग स्थित रविदास मंदिर पहुंचे। रविदास मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद पीएम मोदी ने वहां मौजूद महिलाओं संग कीर्तन में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम वहां महिलाओं संग बैठकर मंजीरा बजाते हुए भी दिखाई दिए। पीएम मोदी ने मंगलवार को जानकारी दी थी कि, वो रविदास जयंती के मौके पर बुधवार को करोल बाग के श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर जाएंगे। बता दें कि, गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर में पहुंचने के बाद पीएम ने सबसे पहले संत रविदास के दर्शन किए और उसके बाद मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं से भी पीएम ने मुलाकात की।

भक्तों संग पीएम ने बजाया मंजीरा

रविदास मंदिर में प्रधानमंत्री मोदी ने श्रद्धालुओं के साथ भजन-कीर्तन में हिस्सा लिया। साथ ही महिलाओं के साथ मोदी ने मंजीरा भी बजाया। पीएम ने ट्वीट कर इसका वीडियो लोगों के साथ शेयर किया है। 15वीं से 16वीं शताब्दी के दौरान संत रविदास भक्ति आंदोलन से जुड़े थे और उनके भजन गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल हैं। उनका जन्म यूपी के वाराणसी में हुआ था। संत रविदास महाराज छुआछूत की कुप्रथा के कट्टर विरोधी थे। उन्हें 21वीं सदी के रविदासिया धर्म का संस्थापक माना जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक के बाद एक ट्वीट संत रविदास को लेकर जानकारी दी। पीएम मोदी ने कहा, ‘संत रविदास जी का यह पवित्र धाम जन-जन के लिए एक प्रेरणास्थल है। मैं सौभाग्यशाली हूं कि एक सांसद के रूप में मुझे यहां के विकास कार्यों को पूरा करने का अवसर प्राप्त हुआ है।’ बता दें कि रविदास की जन्मस्थली वाराणसी ही पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है।

जयंती के कारण बदली चुनाव की तारीख

गौरतलब है कि यूपी और पंजाब में संत रविदास के अनुयायी बड़ी संख्या में हैं। आप रविदास जयंती का महत्व इसी बात से भी समझ सकते हैं कि, उनकी जयंती से पहले पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीख तक बदल दी गई। पंजाब में 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने थे, जिनकी तारीख आगे बढ़ाकर 20 फरवरी कर दी गई। दरअसल कई राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा था कि, रविदास जयंती की वजह से बड़ी संख्या में लोग राज्य से बाहर होंगे, इसलिए चुनावी तारीख को आगे बढ़ाया जाए।