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Narendra Modi: लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी स्थापना दिवस पर बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 2014 के बाद हमने सोच बदली, तौर तरीका बदला

Narendra Modi: लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) की स्थापना 1920 में की गई थी। अब इस विश्वविद्यालय ने अपने 100 साल पूरे कर लिये हैं। इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय परिवार को 100 वर्ष पूरा होने पर हार्दिक शुभकामनाएं। 100 वर्ष का समय सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है। इसके साथ अपार उपलब्धियों का एक जीता जागता इतिहास जुड़ा है।

नई दिल्ली। लखनऊ विश्वविद्यालय के 100 वर्ष पूरा होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वर्चुअल माध्यम से अपना संबोधन दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी स्थापना दिवस पर बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। इस मौके पर पीएम मोदी ने 100 साल के स्मारक सिक्के का भी अनावरण करने के साथ ही डाक टिकट भी जारी किया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी उपस्थित रहे।

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लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना 1920 में की गई थी। अब इस विश्वविद्यालय ने अपने 100 साल पूरे कर लिये हैं। इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय परिवार को 100 वर्ष पूरा होने पर हार्दिक शुभकामनाएं। 100 वर्ष का समय सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है। इसके साथ अपार उपलब्धियों का एक जीता जागता इतिहास जुड़ा है।

100 साल की इस यात्रा में यहां से निकले व्यक्तित्व राष्ट्रपति पद पर पहुंचे। राज्यपाल बने। विज्ञान का क्षेत्र हो या न्याय का, राजनीतिक हो या प्रशासनिक, शैक्षणिक हो या सांस्कृतिक या फिर खेल का क्षेत्र, हर क्षेत्र की प्रतिभाओं को लखनऊ विश्वविद्यालय ने संवारा है।

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आज हम देख रहे हैं कि देश के नागरिक कितने संयम के साथ कोरोना की इस मुश्किल चुनौती का सामना कर रहे हैं। देश को प्रेरित और प्रोत्साहित करने वाले नागरिकों का निर्माण शिक्षा के ऐसे संस्थानों में ही होता है। लखनऊ यूनिवर्सिटी दशकों से अपने इस काम को बखूबी निभा रही है।

विश्वविद्यालय सिर्फ उच्च शिक्षा का ही केंद्र नहीं होती, ये ऊंचे संकल्पों, ऊंचे लक्ष्यों को साधने की एक बहुत बड़ी ऊर्जा भूमि होती है। ये हमारी भीतर की ताकत को जगाने की प्रेरणा स्थली भी है। हम कई बार अपनी सामर्थ्य का पूरा उपयोग नहीं करते हैं। यही समस्या पहले सरकारी तौर तरीकों में भी थी।

रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री में वर्षों पहले निवेश हुआ, संसाधन लगे, मशीनें लगीं, बड़ी-बड़ी घोषणाएं हुई, लेकिन कई वर्षों तक वहां सिर्फ डेंटिंग-पेंटिंग का ही काम होता था।

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2014 के बाद हमने सोच बदली, तौर तरीका बदला। परिणाम ये हुआ कि कुछ महीने में ही यहां से पहला कोच तैयार हुआ और आज यहां हर साल सैकड़ों कोच तैयार हो रहे हैं। सामर्थ्य के सही इस्तेमाल का ये एक उदाहरण है।

आगे पीएम मोदी ने कहा कि एक जमाने मे देश मे यूरिया उत्पादन के बहुत से कारखाने थे, लेकिन बावजूद इसके काफी यूरिया भारत बाहर से इंपोर्ट करता था। इसकी बड़ी वजह है थी कि जो देश के खाद कारखाने थे वो अपनी पूरी क्षमता से कार्य ही नहीं करते थे। हमने सरकार में आने के बाद एक के बाद एक नीतिगत निर्णय लिए। इसी का नतीजा है कि आज देश में यूरिया कारखाने पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं।

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वहीं इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि खादी में हम गर्व करते हैं। मैंने गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए खादी का खूब प्रचार-प्रसार किया। कुछ लोग निराशावादी बातें करते थे। लेकिन मैं सकारात्मक बातों के साथ आगे बढ़ा। आज खादी स्टोर से एक दिन में 1-1 करोड़ रुपये की बिक्री होती है, तो मुझे पहले के दिन याद आते हैं। साल 2014 के पहले 20 वर्षों में जितने रुपयों की खादी की बिक्री हुई थी। उससे ज्यादा की बिक्री पिछले 6 वर्षों में हुई है।

छात्र जीवन वो अनमोल समय है, जो गुजर जाने के बाद फिर लौटना मुश्किल होता है। इसलिए छात्र जीवन को Enjoy भी कीजिए, encourage भी कीजिए। Self Confidence हमारे विद्यार्थियों में एक बहुत बड़ी आवश्यकता होती है। ये तभी आता है जब अपने ये निर्णय लेने की उसे थोड़ी आजादी मिले। बंधनों में जकड़ा शरीर और खांचे में ढला हुआ दिमाग कभी प्रोडक्टिव नहीं हो सकता।