प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को बीती रात प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इसके साथ ही इन दोनों का चैप्टर हमेशा के लिए बंद हो चुका है, लेकिन अब उमेश पाल हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस के सामने दो बड़ी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। एक चुनौती अशरफ की जुबान से निकले आधे-अधूरे शब्दों की पहेली सुलझाने की है। दूसरी चुनौती अतीक की पत्नी और 50000 की इनामी शाइस्ता परवीन को तलाशना है। इन दोनों गुत्थियों को सुलझाने के लिए पुलिस और यूपीएसटीएफ के तमाम अफसर माथापच्ची कर रहे हैं। गुड्डू मुस्लिम को पकड़ने के लिए भी 10 टीमें दौड़भाग कर रही हैं।
15 अप्रैल की रात 10.30 बजे जब प्रयागराज पुलिस अतीक अहमद और अशरफ को लेकर मेडिकल कराने हॉस्पिटल पहुंची थी, तो शूटरों की गोली का निशाना बनने से पहले अशरफ ने गुड्डू मुस्लिम के बारे में कुछ बताने की कोशिश की थी। उसकी जुबान से सिर्फ इतना ही निकल सका था कि मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम…तभी अतीक की कनपटी से पिस्टल सटाकर गोली मार दी गई थी। अतीक जमीन पर गिर गया और अशरफ भी अगली गोली का शिकार बन गया। इससे गुड्डू मुस्लिम के बारे में वो जो भी कहना चाहता था, वो राज ही बना रह गया। गुड्डू मुस्लिम के बारे में ‘मेन बात’ आखिर अशरफ ने क्यों कही, इसका राज जानने में पुलिस जुटी है।
बता दें कि उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की 24 फरवरी को हुई हत्या के दौरान गुड्डू मुस्लिम बमबाजी करता नजर आया था। बगल में दबाए बैग से बम निकालकर वो दनादन फेंक रहा था। उसके फेंके बम से एक सिपाही की भी जान गई थी। फिर गुड्डू मुस्लिम फरार हो गया। मेरठ में वो अतीक के बहनोई डॉक्टर अखलाक के यहां गया था। सीसीटीवी में इसका पता चलने पर पुलिस ने अखलाक को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, अखलाक की बीवी और अतीक की बहन भी अब तक फरार है। दूसरी तरफ अतीक की बीवी शाइस्ता परवीन न पति और देवर के जनाजे में आई और न ही बेटे असद के। ऐसे में पुलिस के सामने बड़ा सवाल ये है कि इतनी बड़ी घटनाओं के बाद भी शाइस्ता आखिर सामने क्यों नहीं आ रही? इसका जवाब निकालना भी पुलिस के लिए जरूरी हो गया है।