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Pollution In Delhi-NCR: दिल्ली और एनसीआर में गंभीर स्थिति में बना हुआ है प्रदूषण, एक्यूआई 500 के पार!

दिल्ली में पहले ही ग्रैप GRAP 4 के नियम लागू किए गए थे। इन नियमों के तहत बीएस-2 तक की पेट्रोल गाड़ियां और बीएस-4 तक की डीजल गाड़ियों का प्रवेश बैन किया गया था। इसके अलावा डीजल जेनरेटर चलाने पर भी रोक लगी है। जरूरी काम के अलावा किसी तरह का निर्माण या तोड़फोड़ भी नहीं की जा सकती।

नई दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में वायु प्रदूषण की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। इन इलाकों में 2 नवंबर से प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। बीच में एक दिन बारिश के कारण प्रदूषण थोड़ा कम हुआ था, लेकिन अब ये फिर गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। आज सुबह का डेटा देखें, तो दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 400 और 500 के बीच मापा गया। दिल्ली के जहांगीरपुरी में एक्यूआई 503 दर्ज किया गया। पंजाबी बाग में 470, बवाना में 495, सोनिया विहार में 433, आनंद विहार में 440, मुंडका में 461, नरेला में 460, ओखला में 416 और आरके पुरम में 417 एक्यूआई रहा। वायु प्रदूषण की इस गंभीर स्थिति की वजह हवा में घुले छोटे कण हैं। जाड़े का मौसम है और हवा की रफ्तार भी काफी कम है। इस वजह से दिल्ली और आसपास धुंध की चादर लोगों को दिख रही है। ऐसे में अब दिल्ली में बैटरी से चलने वाली बस, सीएनजी बस और डीजल से चलने वाली बीएस-6 बसों के अलावा बाकी यात्री बसों पर भी रोक लगाए जाने की उम्मीद है।

दिल्ली में पहले ही ग्रैप GRAP 4 के नियम लागू किए गए थे। इन नियमों के तहत बीएस-2 तक की पेट्रोल गाड़ियां और बीएस-4 तक की डीजल गाड़ियों का प्रवेश बैन किया गया था। इसके अलावा डीजल जेनरेटर चलाने पर भी रोक लगी है। जरूरी काम के अलावा बिना मंजूरी के किसी तरह का निर्माण या तोड़फोड़ भी नहीं की जा सकती। ग्रैप 4 का स्तर सबसे ज्यादा प्रदूषण होने पर लागू किया जाता है, लेकिन इसे लागू करने के बाद भी अब तक दिल्ली में प्रदूषण कम नहीं हो सका है। दिल्ली सरकार ने पहले 19 नवंबर तक गाड़ियों के लिए ऑड और ईवन योजना लाने का एलान किया था, लेकिन बारिश की वजह से जब प्रदूषण कम हुआ और सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना से प्रदूषण कम होने के दावों पर सवाल उठाए, तो ऑड और ईवन को स्थगित कर दिया गया।

Delhi Pollution

दिल्ली सरकार ने राजधानी में कृत्रिम बारिश कराने के लिए भी आईआईटी कानपुर से संपर्क किया था, लेकिन इस योजना पर भी आगे काम अब तक नहीं किया गया है। दरअसल, कृत्रिम बारिश के लिए हवा में काफी नमी या आसमान में कम से कम 40 फीसदी बादल होने जरूरी हैं। ऐसा न होने पर ये प्रयोग सफल नहीं रहता। दिल्ली के मौसम में अभी ज्यादा नमी नहीं है और आसमान में बादल भी न होने के कारण कृत्रिम बारिश की योजना भी अधर में टंगी हुई है।