बेतिया। ‘मुझे धंधेबाज कहा जाता है। जेडीयू के नेताओं को अपनी पार्टी के शीर्ष नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार से पूछना चाहिए कि अगर ऐसा है, तो मुझे 2 साल तक अपने घर में क्यों रखा था?’ ये बयान देकर चुनावी रणनीतिकार और आईपैक के संस्थापक से पदयात्री बने प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने एक बार फिर नीतीश पर कर्रा निशाना साधा है। शनिवार को बेतिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरी चुनाव लड़ने की कतई आकांक्षा नहीं है। जनता को बेहतर विकल्प मुहैया कराने के लिए मैं अच्छे लोगों को सामने लाऊंगा। बिहार की बेहतरी के लिए काम करने की बात भी पीके ने कही।
प्रशांत किशोर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि नीतीश मुझसे इसलिए नाराज हैं, क्योंकि उनके राजनीतिक कार्य से मैंने खुद को अलग कर लिया। अगर मैं फिर नीतीश के साथ शामिल हो जाता हूं, तो फिर वो मुझपर मेहरबान दिखेंगे। पीके ने कहा कि मैंने खुद के लिए दूसरी राह चुन ली। इस वजह से नीतीश और उनके समर्थक मुझसे नाखुश हैं। प्रशांत किशोर ने जेडीयू के आरोप लगाने वाले नेताओं के बारे में कहा कि नीतीश कुमार 10 साल पहले जैसे थे और अब जैसे हैं, उसमें काफी अंतर है। बता दें कि जेडीयू के नेताओं ने बीते दिनों प्रशांत किशोर को धंधेबाज बताया था। साथ ही कहा था कि उनके पास कोई राजनीतिक कौशल नहीं है।
प्रशांत किशोर ने एक सवाल के जवाब में ये भी कहा कि उनको नीतीश कुमार के साथ काम करने का कोई पछतावा नहीं है। नीतीश के बारे में आईपैक संस्थापक का कहना था कि नीतीश ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू की पराजय की जिम्मेदारी लेकर कुर्सी छोड़ी थी, लेकिन अब सत्ता में रहने के लिए समझौता करने को तैयार हैं। बिहार की मौजूदा सरकार की ओर से 10 लाख नौकरी देने के वादे पर प्रशांत बोले कि मैं फिर कहता हूं कि अगर ऐसा हुआ, तो मैं अपना अभियान खत्म कर दूंगा। लालू यादव के बेटे और नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सरकार बनने के बाद 10 लाख नौकरियां देने की बात कही थी। इस मुद्दे पर प्रशांत पहले भी उनको और नीतीश को घेर चुके हैं।