नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश पुलिस ने आगारा जाने के क्रम में हिरासत में ले लिया, जिसे लेकर बवाल खड़ा हो गया है। दरअसल, प्रियंका पुलिस हिरासत में हुई दलित सफाईकर्मी अरूण की मौत होने पर उसके परिवार से मिलने जा रही थीं, लेकिन पुलिस ने धारा 144 का हवाला देते हुए उन्हें रोक दिया है, जिसका कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने विरोध किया। उन्होंने पुलिस से अरुण के परिजनों से मुखातिब होने की इजाजत मांगी थी,लेकिन उन्हें कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए इजाजत नहीं दी गई, जिसके बाद कांग्रेसी कार्यकर्ता पुलिसकर्मियों से भिड़ने पर आमादा हो गए। वहीं, इस मामले से संबंधित कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जिसमें कांग्रेसी कार्यकर्ता पुलिसकर्मियों से झड़पते हुए दिख रहे हैं।
इस दौरान प्रियंका ने लखमीपुर हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि वहां भी मृतक किसानों के परिजनों से मुखातिब होने के क्रम में मुझे रोक दिया गया था। उन्होंने कहा कि मैं विपक्षी होने की भूमिका निभा रही हूं और सरकार क्या चाहती है कि मैं रेस्टोरेंट में बैठकर चुपचाप सब कुछ बैठकर देखती रहूं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सकता है। हम ऐसा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे। यह तो रहा प्रियंका गांधी का कहना, लेकिन आइए जरा आगे दलित अरूण के बारे में जान लेते हैं जिसकी पुलिस हिरासत में मौत हो गई।
.@INCUttarPradesh के अध्यक्ष श्री @AjayLalluINC को पुलिस प्रशासन जोर-जबरदस्ती से रोक रहा है, उत्तर प्रदेश की तानाशाही हुकूमत न्याय की आवाज से डर रही है।
भाजपाई हुकूमत सुन ले- कांग्रेस न्याय के लिए अन्याय के खिलाफ जंग जारी रखेगी। pic.twitter.com/hQbQIk5zJk
— Congress (@INCIndia) October 20, 2021
They say I can’t go to Agra. They stop me wherever I go. Should I keep sitting in restaurants? Just because it is politically convenient for them? I want to meet them, what is the big deal?: Congress leader Priyanka Gandhi Vadra pic.twitter.com/aKCwC3QLSf
— ANI UP (@ANINewsUP) October 20, 2021
आगरा में पुलिस हिरासत में मारे गये अरुण वाल्मीकि के परिजनों से मिलने जा रही श्रीमती @priyankagandhi जी को रोकना निंदनीय है।
भाजपा सरकार में न्याय मांगना, किसी के साथ संवेदनाएं जताना अगर अपराध है तो हम ये अपराध करते रहेंगे।
हम न्याय की आवाज बुलंद करते रहेंगे। pic.twitter.com/ulO93WiKRD
— Congress (@INCIndia) October 20, 2021
पुलिस हिरासत में मारे गये वाल्मीकि समाज के युवक अरुण वाल्मीकि के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करने जा रहीं श्रीमती @priyankagandhi जी को रोका जाना निंदनीय है।
भाजपा संवैधानिक अधिकारों की हत्या कर रही है, न्याय की आवाजों को कुचल रही है। pic.twitter.com/NzPEjNMXas
— Congress (@INCIndia) October 20, 2021
दलित सफाईकर्मी अरुण पर मालखाने से 25 लाख रूपए चोरी करने का आरोप है। अभी तक इस आरोप की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन आरोपों की प्रतिपुष्टि के लिए उसे पुलिस हिरासत में रखा गया था, मगर इस बीच हुई उसकी मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, अरूण की मौत से प्रदेश के दलितों में रोष व्याप्त है। दलित समुदाय सरकार से इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहा है। वहीं, अरूण के परिजनों को आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ इस मामले में पुलिस से कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी कर रहा है, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। उधर, प्रियंका ने आगरा जाने की कोशिश की तो उन्हें रोक कर उन्हें हिरासत में ले लिया गया है।
Agra: A sanitation worker, who was arrested by Police yesterday in connection with a theft of Rs 25 Lakhs from a warehouse on 17th October, died in Police custody. pic.twitter.com/9cUMG7H7jT
— ANI UP (@ANINewsUP) October 20, 2021
इससे पहले उन्हें लखीमपुर जाने के क्रम में भी हिरासत में ले लिया गया था। लेकिन बाद में उन्हें जाने दिया गया, जिसके बाद उनकी मृतक किसानों के परिजनों से मिलन वाली तस्वीर काफी चर्चा में रही थी, लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि जब कांग्रेस शासित राज्यों में दलितों के साथ इस तरह के मामले सुर्खियों में आते हैं, तो प्रियंका गांधी इस तरह की जमहत उठाती नहीं दिखती, लेकिन जब किसी बीजेपी शासित राज्य में इस तरह के मामले सामने आते हैं, तो प्रियंका समेत पूरी कांग्रेसियों की सक्रियता अपने चरम पर पहुंच जाती है। इससे उनकी दोमुंही सियासत साफ जाहिर होती है। खैर, अब ऐसे में यह पूरा मामला क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।