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Rising Atrocities: राजस्थान में दलितों पर अत्याचार की लगी झड़ी, महिलावाद की बात करने वाली प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत चुप

आंकड़ों के मुताबिक अशोक गहलोत की सरकार के बीते 3 साल में राजस्थान में दलित उत्पीड़न के 20839 मामले पुलिस ने दर्ज किए हैं। तीन साल में 5 जिलों ने इन मामलों में टॉप किया है। जिलों में सबसे ऊपर भरतपुर है। इसके बाद श्रीगंगानगर, पाली, नागौर, भरतपुर और बीकानेर का नंबर है।

जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से दलितों की हालत बहुत खराब है। आए दिन उनपर हमले हो रहे हैं। दलितों की बहू-बेटियां रेप का शिकार हो रही हैं, लेकिन सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस की ओर से दलित और बहू-बेटियों की खैरख्वाह बनने वाली प्रियंका गांधी के जुबान से इस बारे में कुछ नहीं निकल रहा है। जबकि, यूपी में ऐसी घटनाओं पर दोनों खूब हल्ला मचाते रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक अशोक गहलोत की सरकार के बीते 3 साल में राजस्थान में दलित उत्पीड़न के 20839 मामले पुलिस ने दर्ज किए हैं। तीन साल में 5 जिलों ने इन मामलों में टॉप किया है। जिलों में सबसे ऊपर भरतपुर है। इसके बाद श्रीगंगानगर, पाली, नागौर, भरतपुर और बीकानेर का नंबर है।

श्रीगंगानगर की बात करें तो यहां पिछले 3 साल में दलित उत्पीड़न के मामलों में 477 चालान हुए हैं। जबकि, 445 मामलों में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाई है। 1107 मामलों में से 185 लंबित हैं। पाली में 816 केस हुए हैं। इनमें से 422 में चालान, 272 में फाइनल रिपोर्ट और 123 मामले लंबित हैं। नागौर में कुल मामले अब तक 925 हैं। इनमें 386 चालान, 391 एफआर और 148 लंबित हैं। भरतपुर में 1325 मामले दर्ज हुए। इनमें 346 चालान किए गए। जबकि, 702 मामलों में फाइनल रिपोर्ट और 277 मामले लंबित हैं। बीकानेर में 787 मामले दर्ज हुए हैं। जबकि, 345 मामलों में चालान, 109 मामले लंबित और 333 में फाइनल रिपोर्ट लगी है।

राजस्थान की राजधानी जयपुर की बात करें, तो इस जिले में भी दलितों के उत्पीड़न की सैकड़ों घटनाएं हुई हैं। पुलिस के मुताबिक जयपुर जिले में पिछले 3 साल में 911 केस दर्ज हुए। इनमें 223 मामलों में चालान हुआ है। 436 केस में एफआर लगी है और 252 केस लंबित हैं। इन आंकड़ों से ही साबित हो रहा है कि ज्यादातर मामलों में पीड़ितों ने हकीकत बताई है।