प्रियंका गांधी वाड्रा ने दी हनुमान जयंती पर शुभकामना किया बिग बी की मां को याद, लोगों ने पूछ लिया ‘राम काल्पनिक तो नहीं’
आज यानी 9 अप्रेल को पूरे देश में हनुमान जयंती मनाई जा रही है। हनुमान जयंती के इस खास मौक पर क्रांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को महानायक अमिताभ बच्चन की मां की याद आई।
नई दिल्ली। आज यानी 9 अप्रेल को पूरे देश में हनुमान जयंती मनाई जा रही है। हनुमान जयंती के इस खास मौक पर क्रांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को महानायक अमिताभ बच्चन की मां की याद आई। अमिताभ की मां तेजी बच्चन की याद में प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है। इसके साथ ही प्रियंका गांधी ने हनुमान जयंती पर शुभकामना भी दी। इसके बाद लोगों ने प्रियंका गांधी को इस पूरे मामले पर ट्रोल करना शुरू कर दिया।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर तेजी बच्चन की याद में एक पोस्ट शेयर किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- ‘श्रीमती तेजी बच्चन बड़ी हनुमान भक्त थीं। अक्सर मंगल को दिल्ली के हनुमान मंदिर में मुझे ले जाकर मेरे लिए कांच की चूड़ियां खरीदतीं और हनुमानजी की कथा सुनातीं। उनसे ही मैंने हनुमान चालीसा के कई छंद सीखे। आज वो नहीं रहीं मगर उनकी भक्ति का प्रतीक ह्रदय में बसा है। प्रियंका का ये भावुक कर देेने वाला ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
इसी के साथ दूसरे ट्वीट में प्रियंका ने लिखा कि ..हनुमान जी की जयंती पर आप सब को बहुत बहुत शुभकामनाएँ।
इसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी से पूछना शुरू कर दिया की आप पहले ये तो बताइए की आपका हृदय परिवर्तन कैसे हो गया। 2007 में तो आपकी ही पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर राम, सीता, हनुमान और वाल्मीकि को काल्पनिक किरदार बताया था। ऐसे में ये किस किस्म की राजनीति शुरू हुई है।
कांग्रेस ने 2007 में उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर कर श्री राम को बताया था काल्पनिक
साल 2004 में देश की कमान संभालते ही यूपीए सरकार ने राम सेतु तोड़ने के आदेश दे दिए। कांग्रेस के नेताओं सहित उनके सहयोगी दलों ने भी भगवान राम का उपहास किया यूपीए सरकार में साथी दल डीएमके के प्रमुख एम. करुणानिधि ने भगवान राम के अस्तित्व को नकारते हुए कहा था, ‘अगर राम हुए थे तो उन्होंने किस विश्वविद्यालय से इंजीनियर की डिग्री ली थी?’
इतना ही नहीं, 2007 में कांग्रेस सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा देकर कहा था कि राम, सीता, हनुमान और वाल्मीकि काल्पनिक किरदार हैं, इसलिए रामसेतु का कोई धार्मिक महत्व नहीं माना जा सकता है।
राहुल गांधी ने भी अप्रैल 2007 में विधानसभा चुनाव के पहले एक सभा को संबोधित करते हुए ठीक वही बात कही, जो उनकी मां सोनिया हैदराबाद की सभा में कह चुकी थीं।