इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने के चक्कर में खुद फंसी प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने खुदरा मुद्रास्फीति की दर के 7.35 फीसदी तक पहुंच जाने को लेकर मंगलवार को एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला। साथ ही प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार ने गरीब की जेब काटकर उसके पेट पर लात मारने का काम किया है।
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने खुदरा मुद्रास्फीति की दर के 7.35 फीसदी तक पहुंच जाने को लेकर मंगलवार को एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला। साथ ही प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार ने गरीब की जेब काटकर उसके पेट पर लात मारने का काम किया है।
प्रियंका गांधी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, सब्जियां, खाने पीने की चीजों के दाम आम लोगों की पहुंच से बाहर हो रहे हैं। जब सब्जी, तेल, दाल और आटा महंगा हो जाएगा तो गरीब खाएगा क्या?
सब्जियां, खाने पीने की चीजों के दाम आम लोगों की पहुंच से बाहर हो रहे हैं। जब सब्जी, तेल, दाल और आटा महंगा हो जाएगा तो गरीब खाएगा क्या? ऊपर से मंदी की वजह से गरीब को काम भी नहीं मिल रहा है।
भाजपा सरकार ने तो जेब काट कर पेट पर लात मार दी है। pic.twitter.com/LiSjNlnSWm
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) January 14, 2020
हालांकि इस ट्वीट के बाद खुद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सोशल मीडिया पर यूजर्स के निशाने पर आई। यूजर्स ने प्रियंका गांधी की खिचाई करते हुए तत्कालीन यूपीए सरकार के दौरान बढ़ती महंगाई का जिक्र कर डाला। इतना ही नहीं यूजर्स ने प्रियंका गांधी के जरिए पति रॉबर्ट वाड्रा को भी निशाने पर ले लिया।
आसान तरीका ये है के आप की कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने जो लूट करी है,
थोडा पैसा वापस कर दें, गरीबों का ही तो लूटा था !!ओवैसी ने कहा है.. कोंग्रेस लूटेरी हैं ।।
?? pic.twitter.com/bfbz9NubdD— ANNA (@ANNA_RAO_) January 14, 2020
आधिकारिक आंकड़ों में सोमवार को यह दर्शाया गया कि खाद्य कीमतों में बड़े पैमाने पर वृद्धि के बाद भारत की खुदरा महंगाई दर नवंबर के 5.55 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर 2019 में 65 महीनों के उच्च स्तर 7.35 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसके बाद प्रियंका यह बयान आया है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा पेश आंकड़ों के अनुसार, साल-दर-साल आधार पर, दिसंबर के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में अधिक रहा, जबकि पिछले साल खुदरा मुद्रास्फीति 2.11 प्रतिशत थी।