नई दिल्ली। सेना के लिए हर भारतीय के मन में जो जोश, जो प्यार और सम्मान रहता है शायद ही वो किसी और के लिए रहे…सेना के जवान न सिर्फ हमारे देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने में अपने घर-परिवार को पीछे छोड़ देते हैं बल्कि हर खुशी का भी बलिदान दे देते हैं। हर त्योहार, हर खुशी के आगे हमारे जवान देश की सुरक्षा को अहमियत देते हैं लेकिन जब उन्हें जवानों को धोखे से मौत के घाट उतारा जाता है तो पूरा देश ही गमगीन हो जाता है। ऐसा ही एक मौका आज से ठीक 4 साल पहले 14 फरवरी 2019 को देखने को मिला था। जब श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले को जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक आतंकवादी ने विस्फोटक भरे वाहन से टक्कर मार दी। इस आतंकी हमले में हमारे सीआरपीएफ के 40 जवानों की दर्दनाक मौत हो गई थी। देश के जवानों की इस शहादत का भले ही बदला ले लिया गया हो लेकिन आज भी वो पल याद करके आंखें आंसुओं से भर जाती है।
सोशल मीडिया पर इस हमले के कई वीडियोज भी देखने को मिले थे जिसमें CRPF के जवानों से भरा वाहन आग के लपेटे से खाक हुआ दिखा। वहीं, सड़क पर जवानों के शरीर के अंश इस तरह से बिखरे हुए थे जिसे देखकर हर किसी की रूह तक कांप गई थी। 14 फरवरी को हुए इस हादसे के बाद से ही न सिर्फ सेना के बाकी जवान बल्कि पूरे देश (भारत) में लोगों का खून उबाल मार रहा था। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 17 फरवरी को घोषणा की थी कि “सभी आंसुओं का बदला लिया जाएगा”।
पीएम मोदी के इस बयान के बाद से ही माना जा रहा था कि केंद्र की मोदी सरकार इस घटना पर चुप नहीं रहेगी और हुआ भी ऐसा ही…26 फरवरी 2019 को रात के तकरीबन 3 बजे भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट्स ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पार जाकर बालाकोट में बमों की बरसात कर दी। इन हमलों का निशाना पाकिस्तान द्वारा पाले जा रहे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकाने थे जिन्हें भारतीय वायु सेना के जवानों ने निस्तेनाबूत कर दिया।
पुलवामा में CRPF के जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर करीब हजार किलो बम गिराए गए। कहा गया कि भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए इस हमले में 300 के करीब आतंकियों को मौत की नींद सुला दिया गया। आज 14 फरवरी 20232 को पुलवामा की घटना को 4 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन आज भी हमारे जवानों के साथ हुई ये घटना सीने में आतंकियों के लिए गुस्सा भर देती है।