नई दिल्ली। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू और सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच मची खींचतान से ही कांग्रेस परेशान है। अब कांग्रेस आलाकमान की मुश्किल पंजाब सरकार में काम करने वाले संविदा कर्मचारियों ने और बढ़ा दी है। इन लोगों के संगठन ने नियमितिकरण की मांग को लेकर दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। संविदा कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि पिछले चुनाव से पहले कांग्रेस ने उन्हें नियमित करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा अब तक नहीं किया गया है। दिल्ली आए ठेका मुलाजिम एक्शन कमेटी के सदस्यों ने बताया कि 2017 में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में भी उन्हें नियमित किए जाने का वादा किया था, लेकिन अब फिर चुनाव आने वाले हैं और कांग्रेस ने अपना वादा पूरा नहीं किया है।
ठेका मुलाजिम एक्शन कमेटी के सदस्यों ने बताया कि पंजाब विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस फिर बड़े-बड़े वादे करेगी, लेकिन अब भरोसा नहीं होता क्योंकि पुराने वादे ही पूरे नहीं किए गए। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि कांग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनने पर पहली कैबिनेट बैठक में हमें नियमित करने का फैसला लेने का वादा किया गया था, लेकिन साढ़े 4 साल इसी उम्मीद में बीत गए। हम इन्हें बताने आए हैं कि जमीन पर इनके वादे शून्य हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले महीने भी पंजाब सरकार ने कहा था कि हमें नियमित किया जाएगा।
पंजाब सरकार के विभिन्न विभागों में 66000 ठेका कर्मचारी काम करते हैं। इनके अलावा इनकी बड़ी संख्या राज्य के निगमों और बोर्ड में भी है। इन कर्मचारियों की नाराजगी अब पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को भारी पड़ सकती है। प्रदर्शनकारियों से कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने मुलाकात भी नहीं की। इससे भी उनकी नाराजगी और बढ़ गई।