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Tussle: चुनाव के बीच पंजाब कांग्रेस में फिर महाभारत, अब दो और नेता भिड़े, सोनिया तक पहुंची शिकायत

राणा गुरजीत ने आगे लिखा है कि वास्तव में, यह हमारे पूर्व प्रमुख राहुल गांधी थे, जिन्होंने 2015 में पंजाब में मादक पदार्थ की गंभीर समस्या का जिक्र करते हुए इस मुद्दे को उठाया था। हमारी पार्टी किसी ऐसे व्यक्ति को टिकट कैसे दे सकती है, जो दागी है।

चंडीगढ़। पंजाब में चुनाव सिर पर हैं और सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं में सिर फुटौव्वल जारी है। पहले अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के बीच शीतयुद्ध हुआ था। अब पंजाब के मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने सुखपाल सिंह खैरा को कांग्रेस से निकालने की मांग कर दी है। राणा गुरजीत ने खैरा पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को राणा गुरजीत ने इस मामले में चिट्ठी लिखी है। उन्होंने लिखा है कि यह बेहिसाबी धन या नियमित मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं है। यह नशीले पदार्थ के धन से संबंधित है। जो अस्वीकार्य और अक्षम्य है। कांग्रेस हमेशा मादक पदार्थ के खिलाफ रही है।

sukhpal khaira

राणा गुरजीत ने आगे लिखा है कि वास्तव में, यह हमारे पूर्व प्रमुख राहुल गांधी थे, जिन्होंने 2015 में पंजाब में मादक पदार्थ की गंभीर समस्या का जिक्र करते हुए इस मुद्दे को उठाया था। हमारी पार्टी किसी ऐसे व्यक्ति को टिकट कैसे दे सकती है, जो दागी है। कांग्रेस के नेताओं और उम्मीदवारों के लिए इसका बचाव करना मुश्किल होगा कि एक तरफ हमने शपथ ली है कि हम मादक पदार्थ को खत्म करेंगे और दूसरी तरफ हम एक दागी व्यक्ति को टिकट दे रहे हैं जो जेल में बंद है।

Rahul Gandhi

राणा गुरजीत ने लिखा है कि अब समय आ गया है कि कांग्रेस नशीले पदार्थों और जेल में बंद किसी व्यक्ति के मुद्दे पर साफ रुख अपनाए। खैरा को पार्टी का टिकट देने से गलत संकेत जाएगा। एक वफादार और विनम्र कांग्रेसी के रूप में मैं इस बात से आंखें नहीं मूंद सकता कि मैं क्या कर रहा हूं। मेरी पार्टी में क्या हो रहा है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने पिछले साल खैरा को धनशोधन रोकथाम अधिनियम PMLA के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था। खैरा को कांग्रेस ने भुलत्थ से टिकट दिया है। ईडी ने आरोप लगाया था कि वह मामले में दोषियों और फर्जी पासपोर्ट रैकेट चलाने वालों के एक सहयोगी थे। इससे पहले खैरा, नवतेज सिंह चीमा और कुछ नेताओं ने राणा गुरजीत को पार्टी से हटाने की मांग की थी। इन सभी ने आरोप लगाया था कि गुरजीत लगातार पार्टी को कमजोर कर रहे हैं।