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UP Election: मोदी और योगी को पता है कि पूर्वांचल के मन में जो रमता है, वही यूपी पर राज करता है

पूर्वांचल के मन में जो रमता रहा है, वो ही यूपी पर राज करता रहा है। 26 जिलों की 162 विधानसभा सीटों वाले यूपी के पूर्वांचल इलाके का यही इतिहास है। इस इलाके के लोगों ने जिसे आशीर्वाद दिया, वही यूपी में सरकार बनाने में कामयाब हुआ है।

लखनऊ। पहले लखनऊ से गाजीपुर तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन और अब गोरखपुर में विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा देने के लिए एम्स और सैकड़ों लोगों को रोजगार देने के लिए खाद कारखाने को दोबारा शुरू कराना। पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ आखिर पूर्वांचल पर अपना फोकस क्यों जमाए हुए हैं ? इसका सीधा सा जवाब ये है कि एक तो वे पिछड़े पूर्वांचल का विकास करना चाहते हैं और दूसरी बात ये कि पूर्वांचल के मन में जो रमता रहा है, वो ही यूपी पर राज करता रहा है। 26 जिलों की 162 विधानसभा सीटों वाले यूपी के पूर्वांचल इलाके का यही इतिहास है। इस इलाके के लोगों ने जिसे आशीर्वाद दिया, वही यूपी में सरकार बनाने में कामयाब हुआ है।

साल 2017 की बात करें, तो पूर्वांचल में विकास के वादे करके बीजेपी ने यहां के लोगों का आशीर्वाद हासिल किया था। 2014 से 2019 तक भी यहां से बीजेपी को चुनाव जीतने में मदद मिलती रही। 2017 में यहां से बीजेपी ने 115 सीटें हासिल की और यूपी में 312 सीटों के बहुमत के साथ सत्ता संभाली। 5 साल पहले हुए इस चुनाव में सपा को सिर्फ 17 और बीएसपी को 14 सीटें ही मिल सकी थीं।

Akhilesh Mayawati

इसी तरह साल 2012 में पूर्वांचल के लोगों ने सपा को अपना आशीर्वाद दिया था। सपा को तब पूर्वांचल की 102 सीटों पर जीत मिली थी। जबकि, बीजेपी को 17 और उस वक्त सत्ता में रही बीएसपी को 22 सीटों पर ही जीत हासिल हुई थी। साल 2007 की बात करें, तो पूर्वांचल ने बीएसपी पर भरोसा जताया था। तब पूर्वांचल से बीएसपी को 85 सीटें मिली थीं और यूपी में मायावती सीएम बन गई थीं। इस बार बीजेपी को उम्मीद है कि उसे दोबारा पूर्वांचल के लोगों का आशीर्वाद मिलेगा। इसके लिए पार्टी ने ज्यादातर फोकस इस इलाके पर रखा है और वादे के मुताबिक यहां विकास के काम भी कराए हैं। इनमें पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर में एम्स और खाद कारखाना, बस्ती समेत अन्य जिलों में मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी वगैरा शामिल हैं।