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Uttarakhand: पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर उनकी पत्नी ने कहा कुछ ऐसा

Pushkar Singh Dhami: पुष्कर सिंह धामी राज्य में भाजपा के युवा चेहरे हैं, और अगले विधानसभा चुनाव तक सूबे की कमान उन्ही के हाथों में होगी। इस बीच पुष्कर धामी की पत्नी ने अपने पति के सीएम बनाए जाने को लेकर खुशी जताई है।

नई दिल्ली। शनिवार को उत्तराखंड (Uttarakhand) से बड़ी खबर सामने आई कि पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) राज्य के अगले सीएम होंगे। इसकी घोषणा बीजेपी विधायक दल की बैठक में हुई। बता दें कि पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं। धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। गौरतलब है कि धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। उत्तराखंड भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, मेरी पार्टी ने एक सामान्य से कार्यकर्ता को सेवा का अवसर दिया है। जनता के मुद्दों पर हम सबका सहयोग लेकर काम करेंगे। वहीं पुष्कर सिंह धामी राज्य में भाजपा के युवा चेहरे हैं, और अगले विधानसभा चुनाव तक सूबे की कमान उन्ही के हाथों में होगी। इस बीच पुष्कर धामी की पत्नी ने अपने पति के सीएम बनाए जाने को लेकर खुशी जताई है।

 

पुष्कर सिंह धामी की पत्नी गीता धामी ने कहा कि, “वो अपनी जिम्मेदारी से ऊपर उठकर काम करेंगे। उनका जन्म बहुत सामान्य परिवार में हुआ और क्षेत्र की समस्याओं को उन्होंने नजदीक से देखा है। जितना समय है, उसमें वो अपने प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे।”

वहीं अचानक चर्चा में आए पुष्कर सिंह धामी को लेकर कुछ ऐसी बातें जो आप शायद नहीं जानते होंगे, तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर कौन हैं पुष्कर सिंह धामी?

पुष्कर सिंह धामी के पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें तो पुष्कर सिंह धामी का जन्म जनपद पिथौरागढ़ की ग्राम सभा टुण्डी, तहसील डीडीहाट में हुआ है। उनका परिवार बेहद ही साधारण परिवार रहा। उनकी शिक्षा सरकारी स्कूल में हुई है। पुष्कर सिंह धामी 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कई अलग-अलग पदों पर रहकर कार्य किया।

Pushkar Singh Dhami

उनके इस परिश्रम का नतीजा रहा कि, उस समय की प्रदेश सरकार से स्थानीय युवाओं को राज्य के उद्योगों में 70 प्रतिशत आरक्षण दिलाने में सफलता प्राप्त की। इसी के दौरान उन्हाेंने 11 जनवरी 2005 को उत्तराखंड के 90 युवाओं के साथ विधानसभा का घेराव कर सरकार पर दबाव बनाया और ऐतिहासिक रैली आयोजित की। जिसे युवा शक्ति प्रदर्शन के रूप में उदाहरण स्वरूप आज भी याद किया जाता है। फिलहाल 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की। वर्तमान में वह खटीमा विधानसभा सीट से विधायक हैं।