नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में गुजरात हाईकोर्ट से झटका लगा है। हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद अब कांग्रेस नेता सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। दरअसल, हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज करके निचली अदालत द्वारा दिए गए फैसले को सही ठहराया है। बता दें कि बीते दिनों निचली अदालत ने मोदी सरनेम मामले में राहुल को चार साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट के उक्त फैसले के बाद कांग्रेस नेता की संसद सदस्यता खारिज कर दी गई थी। दरअसल, जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक, जब किसी जनप्रतिनिधि को चार साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी संसद सदस्यता स्वत: रद हो जाती है। इससे पहले भी कई राजनेताओं को अपनी संसद सदस्यता से हाथ धोना पड़ चुका है। वहीं, अब गुजरात हाईकोर्ट द्वारा मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की याचिका खारिज किए जाने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद की प्रतिक्रिया आई है, आइए आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है ?
गुजरात हाईकोर्ट द्वारा मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की याचिका खारिज किेए जाने पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, ‘ गुजरात हाई कोर्ट का आज का निर्णय स्वागत योग्य है। अभी प्रायोजित टिप्पणियां कांग्रेस की ओर से आ सकती हैं कि इतना हॉर्स पनिशमेंट कोर्ट ने क्यों दिया? तो हमारा जवाब है कि इतना हॉर्स ऑफेंस राहुल गांधी ने क्यों किया? इस संदर्भ में बाकायदा उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस भी किया है, जिसमें उन्होंने विस्तार से अपनी राय सार्वजनिक की है। आइए, अब आगे आपको उस मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं कि आखिर वो मामला क्या है, जिसमें राहुल गांधी को सुनाई गई थी चार साल की सजा?
गुजरात हाई कोर्ट का आज का निर्णय स्वागत योग्य है।
अभी प्रायोजित टिप्पणियां कांग्रेस की ओर से आ सकती हैं कि इतना हॉर्स पनिशमेंट कोर्ट ने क्यों दिया?
तो हमारा जवाब है कि इतना हॉर्स ऑफेंस राहुल गांधी ने क्यों किया?
– श्री @rsprasad pic.twitter.com/m5y29MXduD
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Senior BJP leader Shri @rsprasad addresses a press conference at party headquarters in New Delhi. https://t.co/iHJbo6u2Fz
— BJP (@BJP4India) July 7, 2023
दरअसल, गत लोकसभा चुनाव में कर्नाटक के कोलार में चुनावी रैली को संबोधित करने के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरनेम पर विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने सवालिया लहजे में कहा था कि आखिर सभी मोदी सरनेम वाले चोर क्यों होते हैं? इस बीच अपने संबोधन में राहुल गांधी ने नीरव मोदी, मेहुल चौकसी का जिक्र भी किया था। वहीं, उनके इस बयान को विवादास्पद मानते हुए पूर्णेश मोदी ने राहुल के विरोध में याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 24 मार्च को राहुल को चार साल की सजा सुनाई। सजा के ऐलान के बाद लोकसभा सचिवालय ने वायडान से उनकी संसद सदस्यता रद कर दी थी। बता दें कि गत लोकसभा चुनाव में राहुल ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था। जिसमें अमेठी और वायनाड शामिल था, लेकिन अमेठी में स्मृति ईरानी ने उन्हें हार का स्वाद चखा दिया था, लेकिन वायडान से वे अपनी सीट बचा पाने में सफल रहे थे, मगर अब मोदी सरनेम पचड़े में फंसकर उन्होंने यह सीट भी गंवा दी है।
ध्यान दें कि जनप्रनिधित्व कानून के मुताबिक, जब किसी राजनेता को किसी मामले में चार साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो ना महज उसकी संसद सदस्यता रद होती है, बल्कि 6 सालों तक उसके चुनाव लड़ने पर भी पांबदी लगा दी जाती है। राहुल क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।