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राहुल गांधी ने RSS को ठहराया था महात्मा गांधी की मौत का जिम्मेदार, फिर संघ नेता ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा, अब हुआ ये बड़ा फैसला

Rahul Gandhi : जिसको निशाने पर लेते हुए आरएसएस नेता कुंते ने राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद गांधी परिवार ने अपने बचाव के लिए उपरोक्त मामले को खारिज किए जाने को लेकर पहले मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। फिर सुप्रीम कोर्ट का।

नई दिल्ली। राहुल गांधी के बारे में तो आपको पता ही होगा कि वे कैसे ना किसी मसले पर दिए अपनी राय की वजह से अपने आलोचकों के निशाने पर रहते हैं। अब तक तो न जाने वे कितने मसलों पर दिए अपनी राय की वजह से कभी लोगों के कहर का शिकार हुए हैं, तो कभी अपनी फजीहत करवाई है, तो कभी अपनी छीछालेदर और कई बार तो हालात इतने संजीदा हुए हैं कि उन्हें कानूनी पचड़ों में भी फंसना पड़ा है। ऐसा ही कुछ अभी उन्हें अपने साल 2014 के बयान को लेकर झेलना पड़ रहा है। बता दें कि साल 2014 में उन्होंने कुनबी सेना प्रमुख विश्वनाथ पाटिली के समर्थन में बयान दिया था। जिसको लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता राजेश कुंते ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया है।

Congress leader Rahul Gandhi faces a criminal defamation case in a Bhiwandi court for his March 2014 speech in which he allegedly blamed RSS for Mahatma Gandhi’s assassination. (HT File Photo)

वहीं, अब खबर है कि इसी राजेश कुंते ने कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए 1500 रूपए भेजे हैं।  इस बात की जानकारी कुंते के वकील गणेश धारगलकर ने खुद दी है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त रकम राहुल गांधी के दिल्ली स्थित कार्यालय में प्रेषित कर दी गई है। ध्यान रहे कि न्यायिक दंडाधिकारी डॉ जेवी पालीवाल ने आगामी 21 अप्रैल 1 हजार रूपए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर लगाया था। यह दूसरी मर्तबा है, जब कुंते ने मामले को स्थगित करने की मांग की है। इससे पहले भी कोर्ट ने उन्हें राहुल गांधी को जुर्माने के रूप में 500 रूपए देने के लिए कहा था। विदित है कि कुंते ने राहुल गांधी गांधी को संज्ञान में लेने के उपरांत उनके खिलाफ बयान दर्ज करवाया था, जिसमें उन्होंने आरएसएस पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया था।

Rahul Gandhi to visit Osmania University on May 7: Revanth Reddy

जिसको निशाने पर लेते हुए आरएसएस नेता कुंते ने राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद गांधी परिवार ने अपने बचाव के लिए उपरोक्त मामले को खारिज किए जाने को लेकर पहले मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। फिर सुप्रीम कोर्ट का। उधर, मजिस्ट्रेट ने उक्त मामले को संज्ञान में लेने के उपरांत  मजिस्ट्रेट ने औपचारिक रूप से राहुल गांधी पर जून 2018 में भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि की सजा) के तहत आरोप लगाया; गांधी ने दोषी नहीं होने का अनुरोध किया। बहरहाल, फिलहाल यह पूरा मामला कोर्ट में विचाराधीन है। अब आगे चलकर यह पूरा मामला क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। यह देखने वाली बात होगी।