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प्रधानमंत्री मोदी अर्थशास्त्र नहीं समझते : राहुल गांधी

मोदी पर तीन चरणों में हमला करते हुए राहुल ने कहा कि मोदी ने पहले लोगों की पॉकेट से 3.50 करोड़ रुपये के करीब ले लिया और इसे 15 से 20 अमीरों को दे दिया।

राहुल ने कहा कि, 'आज युवाओं के पास रोजगार नहीं है। मगर, हिंदुस्तान की युवा शक्ति के पास देश बदलने वाली दृष्टि है।'

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी पर देश की बहुलतावादी छवि को दुनिया में धूमिल करने का आरोप लगाया और कहा कि मोदी अर्थशास्त्र नहीं समझते हैं। कांग्रेस नेता यहां पर अलबर्ट हॉल में ‘युवा आक्रोश’ रैली को संबोधित कर रहे थे। राहुल गांधी ने युवाओं से निडर बने रहने का आह्वान किया और कहा कि ‘हम मिलकर हिंदुस्तान बदलेंगे।’

Rahul Gandhi Rajsthan Jaipur
राहुल गांधी ने कहा, “देश में करीब एक करोड़ युवाओं ने अपनी नौकरी गवां दी है, लेकिन इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री चुप हैं। मोदी सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर लंबे भाषण देते हैं, लेकिन बेरोजगारी के मुद्दे पर चुप रहते हैं।”

उन्होंने कहा, “संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के कार्यकाल के दौरान विकास दर 9 फीसदी थी, जो पांच फीसदी से नीचे आ गई है, ऐसा तब है जब जीडीपी के गणना के पैरामीटर्स में बदलाव किया गया है। अगर हम इसे पूर्व के पैमाने पर गणना करें तो यह 2.5 फीसदी के करीब होगी।” राहुल गांधी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को तब बढ़ावा मिलता है जब गरीब और किसानों को पैसा मिलता है और वे खरीद शुरू करते हैं। राहुल ने कहा, “मोदी इस मूल तथ्य को नहीं समझते हैं, क्योंकि वह अर्थशास्त्र को नहीं समझते।”

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आगे कहा कि हिंदुस्तान में करोड़ों युवा हैं, जो इसके सबसे बड़े संसाधन हैं। यहां तक कि दुनिया का मानना है कि भारतीय युवा दुनिया को बदल सकते हैं। इससे पहले पूरी दुनिया भारत में निवेश के लिए आती थी, क्योंकि उन्हें भारतीय युवाओं पर विश्वास था। लेकिन वर्तमान में वे बढ़ती हिंसा की वजह से देश में निवेश नहीं कर रहे।

मोदी पर तीन चरणों में हमला करते हुए राहुल ने कहा कि मोदी ने पहले लोगों की पॉकेट से 3.50 करोड़ रुपये के करीब ले लिया और इसे 15 से 20 अमीरों को दे दिया। दूसरे नरेंद्र मोदी ने दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया। देश की छवि भाईचारे व एकता को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है। अब दुनिया भारत को रेप कैपिटल मानती है, लेकिन प्रधानमंत्री इस पर नहीं बोलते हैं।


तीसरा, जब युवा प्रधानमंत्री से पूछते हैं कि भारत की छवि दुनिया में क्यों धूमिल हुई है, देश में बेरोजगारी क्यों बढ़ रही है और आप ने युवाओं के लिए बीते पांच सालों में क्या क्या? तो युवाओं की आवाज दबाई जा रही है। प्रधानमंत्री को किसी भी यूनिवर्सिटी में जाने व छात्रों के बेरोजगारी व मंदी पर सवालों के जवाब देने की चुनौती देते हुए राहुल ने कहा कि मोदी निश्चित ही इसका जवाब देने में असमर्थ होंगे। लेकिन हां वह लोगों को दो करोड़ नौकरियां देने के झूठे सपने दिखा सकते हैं।