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अमेरिकी एक्सपर्ट से बातचीत में बोले राहुल- ‘देश को कमजोर करने वाले खुद को राष्ट्रवादी कहते हैं’

मास्क को लेकर राहुल ने कहा कि, मैं मास्क के साथ लोगों में जाता हूं, अब राजनीति बदलेगी। सोशल मीडिया से लोगों से बात कर रहे हैं। भारत में जब लॉकडाउन हुआ तो लोगों का सोचने का तरीका बदल गया। लॉकडाउन से लोगों के मन में डर बैठ गया, अभी वो डर खत्म करना जरूरी है

नई दिल्ली। शुक्रवार को पूर्व अमेरिकी राजनयिक निकोलस बर्न्स से बातचीत में राहुल गांधी ने कोरोना काल में अमेरिका और भारत के हालात पर चर्चा की। इस दौरान राहुल गांधी ने निकोलस बर्न्स से कई सवाल भी पूछे। उन्होंने अमेरिका में चल रहे तनाव और भारत-अमेरिका के रिश्तों पर सवाल पूछे। इतना ही नहीं राहुल गांधी ने निकोलस बर्न्स से बातचीत के दौरान इशारों-इशारों में मोदी सरकार पर निशाना साधा।

Rahul Gandhi

वायनाड से सांसद व कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बर्न्स से सवाल किया कि अमेरिका में अभी क्या हो रहा है, ऐसा क्यों दिख रहा है? इस प निकोलस बर्न्स ने जवाब देते हुए कहा कि, ‘अमेरिका में इस तरह की दिक्कतें हैं, अफ्रीकी-अमेरिकियों के साथ लंबे वक्त से ऐसा होता रहा है। अमेरिका में मार्टन लूथर किंग ने बड़ा काम किया है, उनके आदर्श भी महात्मा गांधी थे। अमेरिका ने बराक ओबामा जैसे नेता को राष्ट्रपति को चुना लेकिन आज क्या देखने को मिल रहा है। किसी का भी हक है, प्रदर्शन करना लेकिन अमेरिका में राष्ट्रपति ब्लैक लोगों को आतंकवादी समझते हैं।’

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अमेरिका के हालात पर चर्चा करते हुए राहुल गांधी ने इशारों में ही मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “मुझे लगता है कि जो बंटवारा दिख रहा है, वो देशों को कमजोर करने वाला है। जब आप लोगों को जाति या धर्म में बांटते हो, तो देश को कमजोर कर रहे हो। जो लोग देश को कमजोर कर रहे हैं, वही खुद को राष्ट्रवादी कहते हैं।”

nicholas burns

जिसपर बर्न्स ने कहा कि, “मुझे लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप बिल्कुल ऐसे ही हैं वो सोचते हैं कि वो सबकुछ ठीक कर सकते हैं। लेकिन हमारे यहां सेना के लोगों ने ही कह दिया है कि हम सेना सड़क पर नहीं उतारेंगे, हम संविधान के हिसाब से चलेंगे राष्ट्रपति के हिसाब से नहीं। अमेरिकी लोगों को प्रदर्शन करने का हक है, लेकिन सत्ता में बैठे लोग लोकतंत्र को चुनौती दे रहे हैं। चीन और रूस जैसे देशों में अभी भी अधिनायकवाद हो रहा है।”

भारत और अमेरिका के रिश्तों पर राहुल ने कहा कि, “भारत और अमेरिका के बीच जो पहले रिश्ते थे बेहतर होते थे, लेकिन पिछले कुछ साल में ये सिर्फ व्यापार की तरह हो गया है।” बर्न्स ने कहा कि, “हमारे देश में दोनों पार्टियां बहुत कम एक विचार पर आती हैं, लेकिन अमेरिका हमेशा से ही भारत के साथ रहा है। दोनों देशों के बीच सबसे बेहतरीन संबंध लोगों के बीच है, जो देशों को साथ लाता है। आज भारतीय अमेरिकी लोग हमारे देश में हर जगह हैं, यही देश की खासियत है।”

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राहुल ने कहा कि, “मुझे लगता है कि हर वक्त में लोकतंत्र ही सही है, हमें अपने लोकतंत्र को और भी मजबूत करना होगा. आज दोनों देशों में लोग बोलने से डरते हैं, लेकिन हमें पहले जैसा माहौल वापस लाना होगा।” इसपर निकोलस बर्न्स ने कहा कि, “दोनों देशों को इसको लेकर बात करनी होगी और काम भी करना होगा।”

इस बातचीत में निकोलस ने चीन को लेकर कहा कि, हर कोई कह रहा है चीन जीत रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है। चीन बढ़ोतरी कर रहा है, लेकिन वो अमेरिका के मुकाबले नहीं है। क्योंकि चीन का नेतृत्व भयभीत है, वहां पर लोकतंत्र नहीं है। हांगकांग में क्या हो रहा है, आज हर कोई देख रहा है। भारत और अमेरिका लोकतंत्र के चैंपियन हैं।

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मास्क को लेकर राहुल ने कहा कि, मैं मास्क के साथ लोगों में जाता हूं, अब राजनीति बदलेगी। सोशल मीडिया से लोगों से बात कर रहे हैं। भारत में जब लॉकडाउन हुआ तो लोगों का सोचने का तरीका बदल गया। लॉकडाउन से लोगों के मन में डर बैठ गया, अभी वो डर खत्म करना जरूरी है। इसपर मुझे लगता है कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क जरूरी है। अमेरिका में तो लोग अब फिर लापरवाह हो रहे हैं।