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आशा कार्यकर्ता की हड़ताल को लेकर राहुल गांधी का केंद्र पर हमला, कहा- ‘सरकार गूंगी थी, अब अंधी-बहरी भी’

आशा कार्यकर्ता गांवों और शहरों में घर-घर जाकर परिवार के एक-एक सदस्य की स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करती हैं और इसी के आधार पर सरकार बीमारियों को बेहतर तरीके को समझ पाती है।

नई दिल्ली। 11 सूत्रीय मागों को लेकर देशभर में 6 लाख से अधिक आशा कार्यकर्ता तीन दिन की हड़ताल पर हैं, ऐसे में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी एक ट्वीट के सहारे मोदी सरकार पर जोरदार प्रहार किया है। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में केंद्र सरकार को गूंगी, अंधी-बहरी बताया है। दरअसल आशा वर्कर्स की मांग है कि उन्हें बेहतर और समय पर वेतन मिले, और एक कानूनी स्थिति जो न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करे, ताकि जिस तरह वो देश के पिछड़े और पहुंच से दूर इलाकों में जाकर अधिकारियों की मदद कर रही हैं वो जारी रख सकें।

Rahul Gandhi Modi

राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला करते हुए एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि, ‘आशा कार्यकर्ता देशभर में घर-घर तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुँचाती हैं। वो सच मायने में स्वास्थ्य वॉरीयर्स हैं लेकिन आज ख़ुद अपने हक़ के लिए हड़ताल करने पर मजबूर हैं। सरकार गूँगी तो थी ही, अब शायद अंधी-बहरी भी है।’

बता दें कि आशा कार्यकर्ता गांवों और शहरों में घर-घर जाकर परिवार के एक-एक सदस्य की स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करती हैं और इसी के आधार पर सरकार बीमारियों को बेहतर तरीके को समझ पाती है। बता दें कि आशा वर्कर की मदद से ही देश पोलियो से लेकर डिलवरी के वक्त महिलाओं के मौत पर काबू पाया जा सका है।

Asha Workers

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के महासचिव अमरजीत कौर ने कहा, “आशा माननीय स्वयंसेवक हैं या कहें वॉलेंटियर। इन्हें न्यूनतम वेतन कानून के तहत श्रमिकों में नहीं माना जाता है, भले ही वे सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य योजनाओं को लागू करते हैं।”

Asha Workers pic

गौरतलब है कि इस हड़ताल के लिए 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों से जुड़ा मंच भी साथ आया है। इंटक, एआईटीयूसी, सीटू, जैसी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों से जुड़े आंगनवाड़ी, आशा, मध्याह्न भोजन योजना से जुड़े संगठन हड़ताल में शामिल हैं।