newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

रेल रोको अभियान: लखीमपुर हिंसा में मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन, जानिए कौन-कौन से रूट होंगे प्रभावित

Rail Roko Campaign: लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचलने के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 18 अक्टूबर को रेल रोको अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान देशभर में रेल रूट को जाम किया जाएगा। करीब 10 दिन पहले ही टिकरी बॉर्डर पर चल रहे धरने में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से इस पर फैसला लिया गया।

नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचलने के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 18 अक्टूबर को रेल रोको अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान देशभर में रेल रूट को जाम किया जाएगा। करीब 10 दिन पहले ही टिकरी बॉर्डर पर चल रहे धरने में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से इस पर फैसला लिया गया। इस दौरान रेलमार्ग जाम करने को लेकर रणनीति तैयार की गई। ज्यादा से ज्यादा किसानों से रेल रोको कार्यक्रम में हिस्सा लेने का आह्वान किया गया। कार्यक्रम के तहत सोमवार सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक ट्रेन सेवा बाधित रहेगी। इस दौरान रास्ते में फंसे यात्रियों को लंगर लगाकर हलवा-पूरी और आलू-छोले का लंगर लगाया जाएगा।

लखीमपुर खीरी में हुई घटना से नाराज किसान संगठनों ने एक बार फिर अपने आंदोलन को तेज कर दिया है। इस घटना के सिलसिले में हत्या का मुकदमा दर्ज करके यूपी पुलिस ने गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी भले ही कर ली हो, लेकिन किसान संगठनों ने साफ कर दिया है कि जब तक मंत्री को पद से नहीं हटाया जाएगा या वो खुद इस्तीफा नहीं देंगे, तब तक वे अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक आगे बढ़ते रहेंगे। उन्होंने अजय मिश्रा को भी गिरफ्तार किए जाने की मांग की।

एसकेएम ने बयान जारी कर कहा, “सोमवार को 6 तक घंटे रेल रोको कार्यक्रम रहेगा, इसके तहत पूरे भारत में सुबह 10 से शाम 4 बजे तक रेल सेवाएं बाधित रहेंगी। रेल रोको पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा और रेल संपत्ति को कोई क्षति नहीं पहुंचाई जाएगी।” एसकेएम ने अपने सभी घटकों से दिशानिर्देश को सख्ती से पालन करने की अपील भी की है। भारतीय किसान यूनियन के उत्तरप्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने आईएएनएस को बताया, “हमने अपने संगठन के लोगों से रेल रोको कार्यक्रम की रूप रेखा बनाई है। सभी जिलों के किसान नेताओं को जरूरी दिशानिर्देश दे दिए गए हैं। जिला स्तर पर हमारे किसान रेल्वे स्टेशनों पर जाकर रेल सेवाएं बाधित करेंगे।”