जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को राज्य सरकार के एक प्रस्ताव को तीसरी बार वापस लौटा दिया, जिसमें एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की गई थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल के इस कदम को एक ‘प्रेम पत्र’ कहा है, और इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के बागी विधायकों के प्रति नरमी भी दिखाई है।
अधिकारियों ने कहा कि राज्यपाल ने राजस्थान में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर आपत्ति उठाई है और फिर से जानना चाहा है कि विशेष सत्र के दौरान विधानसभा में सोशल डिस्टैंसिंग कैसे रखी जाएगी। इस बीच, मिश्रा द्वारा प्रस्ताव लौटाने के बारे में जानकारी मिलने के तत्काल बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यपाल से मिलने पहुंचे।
Chief Minister Ashok Gehlot meets Governor Kalraj Mishra: Raj Bhavan, Rajasthan
(Pic source: Raj Bhavan, Rajasthan) pic.twitter.com/AnNtCYDEIo— ANI (@ANI) July 29, 2020
गहलोत ने यहां राज्य कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान के राज्यपाल की तरफ से एक ‘प्रेम पत्र’ आया है। उन्होंने मुलाकात से पहले पार्टी कार्यालय में कहा, “मैं उनसे मिलने जा रहा हूं और पूछूंगा कि वह क्या चाहते हैं।”
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के इंकार को दूसरी बार प्रेम पत्र कहा है। इसके पहले उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल फेयरमोंट होटल में कांग्रेस विधायकों को संबोधित करते हुए किया था। गहलोत ने दावा किया है कि उनकी सरकार को गिराने की एक साजिश रची गई है। लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी एक राजनीतिक साजिश के खिलाफ मजबूती से खड़ी है।
असंतुष्टों पर नरमी बरतते हुए उन्होंने कहा कि जिन्होंने अतीत में कांग्रेस को धोखा दिया है, वे पार्टी खेमे में लौट सकते हैं और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी माग लें। उन्होंने कहा, “70 सालों में पहली बार किसी राज्यपाल ने इस तरह के सवाल उठाए हैं। क्या आप समझ सकते हैं कि देश कहां जा रहा है?”
मुख्यमंत्री पीसीसी के कार्यक्रम में बोल रहे थे, जहां नए पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कार्यभार ग्रहण किया। राजस्थान सरकार द्वारा भेजे गए प्रथम दो प्रस्तावों को राज्यपाल द्वारा खारिज किए जाने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए मंगलवार को एक तीसरा प्रस्ताव राज भवन भेजा था।