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Rajasthan : गहलोत सरकार के खोखले दावों की पोल-खोल, कर्जमाफी तो दूर 3 साल बाद भी किसानों की ज़मीन हो रही कुर्क जारी है निलामी

Rajasthan: विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की कांग्रेस ने यह वादा किया था कि यदि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो 10 दिन के अंदर ही किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। इसके बाद भी प्रदेश के हजारों किसान अभी तक कर्ज में डूबे हुए हैं और उनकी जमीनें कुर्क हो चुकी हैं। जिनमें से कई किसानों की जमीन नीलाम की जा रही है।

नई दिल्ली। भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि प्रधान देश के किसानों के लिए सब कुछ उनकी जमीन ही है। जो न सिर्फ उनकी रोजी रोटी है, बल्कि वो जमीन उनकी मां के समान है। लेकिन राजस्थान के कई किसानों की जमीन कर्ज के चलते कुर्क हो चुकी है और उनकी मां जैसी जमीन अब नीलाम होने जा रही है। जबकि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने यह वादा किया था कि यदि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो 10 दिन के अंदर ही किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। इसके बाद भी प्रदेश के हजारों किसान अभी तक कर्ज में डूबे हुए हैं और उनकी जमीनें कुर्क हो चुकी हैं। जिनमें से कई किसानों की जमीन नीलाम की जा रही है।

सरकारी कार्यालय से इश्तेहार जारी

दरअसल दौसा जिले के उपखंड अधिकारी लालसोट के कार्यालय से यह इश्तेहार जारी हुआ है जिसमें 16 किसानों का नाम लिखे गए हैं, इस इस्तेहार में यह भी लिखा गया है कि पंजाब नेशनल बैंक की शाखा श्योसिंहपुरा से कृषि कार्य हेतु लिए गए ऋण का समय पर भुगतान नहीं करने के कारण किसानों की चल अचल संपत्ति को कुर्क कर लिया है और उस संपत्ति को अब नीलाम किया जाएगा। वहीं इस मामले में पीड़ित किसानों से बातचीत के दौरान जानकारी मिली है कि यह सिर्फ एक ही बैंक की लिस्ट है लेकिन जिले के सैंकड़ों किसानों की जमीनें कुर्क की जा चुकी है।

किसानों ने बयां किया दर्द

इस पर्चे में समेल गांव के 7 किसानों के नाम हैं जिनकी जमीन की नीलामी 20 अगस्त को होगी। किसानों से जब का कर्ज के बाद जमीन की कुर्की और नीलामी की बात की गई तो वह गिड़गिड़ाने लगे। किसानों ने अपनी दास्तां बयां करते हुए बताया कि, उनकी जमीन में पानी नहीं है ऐसे में पैदावारी भी नहीं हुई। बैंक से कर्ज जरूर लिया था उसे झूठ नहीं बोलते हैं। लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के चलते अन्य काम धंधे भी बंद रहे और कहीं मजदूरी भी नहीं मिली।

ऐसे में बैंक का लोन नहीं चुका पाए। किसानों का कहना था कि घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है, बच्चों का लालन-पालन नहीं हो पा रहा है, ऐसी परिस्थिति में आखिर बैंक का लोन चुकाए तो कैसे चुकाए।

राहुल गांधी के वादे हवा-हवाई

इतना ही नहीं किसान प्रदेश की कांग्रेस सरकार को कोसते हुए नजर आए। किसानों का कहना था कि चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि राजस्थान में यदि कांग्रेस की सरकार आई तो 10 दिन में कर्ज माफी हो जाएगी। 10 दिन तक गिने भी, लेकिन अब तो पूरे पौने 3 साल बीत गए है, लेकिन कर्ज माफ ही नही हुआ, बल्कि आए दिन बैंक अधिकारी आते है और कर्ज चुकाने के लिए धमका कर जाते हैं अब तो जमीन भी कुर्क कर ली है और नीलामी के आदेश की हो गए हैं ऐसे में हम असहाय हो गए हैं।

वहीं इस मामले में अन्य किसान का भी कहना है कि खेत में पानी नहीं है, पैदावारी हुई नहीं तो लोन कैसे चुकेगा। किसान गिर्राज ने तो कहा कि पिताजी की मौत हो गई, भाई मानसिक रूप से परेशान है और जमीन में पानी नहीं है तो पैदावारी नहीं हो रही है। सरकार ने 10 दिन में कर्ज माफी का वादा किया था लेकिन अब तो हमारी जमीन ही नीलाम हो रही है।

किसानों को दिया जाता है नोटिस- SDM

जमीन निलामी के मामले में लालसोट के एसडीएम गोपाल जांगिड़ ने कहा कि जो किसान बैंकों से लोन लेते हैं और जमा नहीं कराते हैं तो बैंक द्वारा एसडीएम और तहसीलदार के यहां प्रकरण दर्ज कराया जाता है जिसमें किसानों को नोटिस दिया जाता है और नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं देने पर कुर्की पर नीलामी की जाती है। उन्होंने कहा कि अभी भी नीलामी आदेश जारी हुए हैं।

किसानों के नाम पर राजनीति

ऐसे में देश में किसानों के नाम पर राजनीति हमेशा परवान पर रहती है जहां किसान बिलों को लेकर कांग्रेस सहित विपक्ष अपने आप को किसानों के हितेषी बता रहा हैं वहीं 2018 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा 10 दिन में कर्ज माफी का वादा करने वाली सरकार भी अपना वादा भूल गई है और प्रदेश के किसान कर्ज माफी की बाट जो रहे हैं। इधर कर्ज माफी नहीं होने से अब किसानों की जमीन नीलाम हो रही है।