सीएए के समर्थन में आए रजनीकांत, कहा इससे मुसलमानों को कोई खतरा नहीं
तमिल सुपरस्टार रजनीकांत ने बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है।
नई दिल्ली। एक तरफ सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर बॉलीवुड और देश की अन्य भाषा की फिल्म इंडस्ट्री दो हिस्सों में बंटी हुई है। वहीं इस मामले को लेकर लगातार पूरे देशभर में प्रदर्शन भी हो रहे हैं। प्रदर्शन भी दो हिस्से में बंटा हुआ है। एक हिस्सा इन कानूनों का समर्थन कर रही है तो वहीं दूसरा खेमा इन कानूनों के विरोध में देशभर के अलग-अलग हिस्से में प्रदर्शन कर रहा है। इस सब के बीच तमिल सुपरस्टार रजनीकांत ने बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है।
तमिल सुपरस्टार रजनीकांत ने बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सीएए मुसलमानों के लिए खतरा नहीं है। अगर उन्हें इससे कोई भी परेशानी हुई तो उनके समर्थन में आवाज उठाने वाले वे सबसे पहले व्यक्ति होंगे। केंद्र सरकार भी लोगों को आश्वासन दे चुकी है कि इस कानून से देश के नागरिकों को परेशानी नहीं होगी।
नागरिकता कानून लागू होने के बाद देशभर में प्रदर्शन किए गए थे। रजनीकांत ने हैरानी भरे लहजे में कहा कि विभाजन के बाद मुसलमान भारत में रहने आए, उन्हें देश से बाहर कैसे भेजा जाएगा? कुछ राजनीतिक दल अपने स्वार्थ के लिए सीएए के खिलाफ लोगों को उकसा रहे हैं। उन्होंने इस कानून के खिलाफ प्रदर्शनों का समर्थन करने के लिए धार्मिक नेताओं को जिम्मेदार ठहराया और इसे ‘काफी गलत’ बताया।
रजनीकांत ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों के बारे में पता लगाने के लिए एनपीआर बेहद जरूरी है। कांग्रेस की सरकार ने भी पहले इसे लागू किया था। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून पर देश के अलग-अलग हिस्सों में काफी विरोध हो रहा है। हालांकि, सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि यह कानून किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाने वाला है।