नई दिल्ली। किसान आंदोलन इस समय अपने चरम पर है। किसान नेता लगातार इस बात को दोहरा रहे हैं कि जब तक तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता तब तक बातचीत को कोई मतलब ही नहीं है। वहीं किसान नेताओं की तरफ से इस बात को भी बार-बार दोहराया जा रहा है कि किसनां को लेकर सरकार के लोग अनाप-शनाप बक रहे हैं। जबकि सच से है कि इन कृषि कानूनों की आड़ में कहीं खालिस्तान के पोस्टर लहराए जा रहे हैं तो कहीं नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपशब्द बोले जा रहे हैं। कहीं इस आंदोलन की आड़ में ये कहा जा रहा है कि इंदिरा को मार दिया ये मोदी क्या है तो कहीं ऊमर खालिद, बारबरा राव और शरजील इमाम जैसे लोगों को रिहा करने की मांग वाले पोस्टर लहराए जा रहे हैं। जैसे-जैसे ये आंदोलन गहरा रहा है एक-एक कर इस आंदोलन का मकसद सामने आ रहा है। सरकार किसानों से हर मुद्दे पर बात करने और इसका समाधान निकालने की बात कई बार दोहरा चुकी है। लेकिन आंदोलन आखिर इस पर भी खत्म क्यों नहीं हो रहा, सवाल यही है? और बाजिव भी है।
अब आंदोलन के मंच से एक वीडियो किसान नेता राकेश टिकैत का सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को जब आप देखेंगे तो आप भी सन्न रह जाएंगे। इस आंदोलन के मंच से किसान नेता राकेश टिकैत जो कह रहे हैं वह सच में कृषि कानूनों से जुड़ा मसला तो हो ही नहीं सकता। बल्कि एक खास समुदाय के प्रति नफरत और जहर उगलता राकेश टिकैत का यह वीडियो इस बात की तरफ इशारा कर रहा है कि सच में अब धीरे-धीरे ही सही इस आंदोलन का असली मकसद सामने आने लगा है। किसानों के हक की लड़ाई और सरकार के प्रति गुस्से और विरोध को किसी भी तरह से गलत नहीं ठहराया जा सकता। लेकिन उस मंच से जब किसान नेता इस तरह की नफरत भरी जहर उगलेंगे तो सवाल तो उठना लाजमी है।
Rakesh Tikait of Bhartiya Kisan Union speaking against Temples and Pandits- ‘Sabka Hisab Hoga
Do you think these are demands of a farmer?
Fueling hatred is the real agenda. When you call them out, they will show you image of an old man/woman to defend such hate mongers pic.twitter.com/lRXOHrqOef
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) December 24, 2020
अब ट्विटर पर राकेश टिकैत की इस वीडियो के वायरल होने के बाद उनके गिरफ्तारी की भी मांग तेज हो गई है। वहीं ट्विटर यूजर की मानें तो उनके इस बयान के खिलाफ एक प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच किसान नेता राकेश टिकैत उन्हें संबोधित करते हुए मंदिरों के पंडितों और पुजारियों पर बरस रहे हैं। वह इस वीडियो में साफ कह रहे हैं‘सबका हिसाब होगा’। उनकी भाषा इस वीडियो में धमकी भरी है। उनके इस वीडियो ने जमकर सोशल मीडिया पर बवाल मचाया है। ट्विटर पर #राकेश_टिकैत_को_गिरफ्तार_करो अब ट्रेंड हो रहा है। उनपर आरोप लग रहे हैं कि वह किसान आंदोलन की आड़ में हिन्दुओं और सिखों में फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं। टिकैत का यह वीडियो शायद 23 या 24 दिसंबर का है।
IF YOU HAVE DARE THEN WRITE HERE..#राकेश_टिकैत_को_गिरफ्तार_करो#राकेश_टिकैत_को_गिरफ्तार_करो#राकेश_टिकैत_को_गिरफ्तार_करो
RT MUST@beingarun28 @dineshbjp09 pic.twitter.com/hCO3thphgc
— RAHUL MISHRA (@MISHRARAHUL779) December 27, 2020
इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों को समझ में आने लगा है कि आंदोलन में एक खस वर्ग का मकसद क्या है। ऐसे में कई लोग इसपर जमकर अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं।