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Ayodhya: रामलला के दर्शन का समय बढ़ने में बड़ी बाधा है ये, महासचिव चंपत राय ने दी जानकारी

राम मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोगों का मानना है कि बीते दिनों तमाम साजिशें रामलला और अयोध्या के लिए की जा चुकी है और सुरक्षा कारणों से राम मंदिर ट्रस्ट विराजमान, रामलला श्रद्धालुओं और स्थानों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।

अयोध्या। काफी दिनों से मांग की जा रही है कि अयोध्या में भगवान रामलला के दर्शन का समय बढ़ाया जाए। इस मसले पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लोगों ने चर्चा भी की, लेकिन आखिर में तय ये हुआ कि किसी भी सूरत में फिलहाल रामलला के दर्शन का समय बढ़ाया नहीं जा सकता। बता दें कि रामलला का मंदिर बनना शुरू होने से यहां भक्तों की तादाद भी काफी बढ़ गई है। बीते दिनों एक ही दिन 25 लाख श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती तादाद की वजह से यहां सुरक्षा को भी चाक-चौबंद करना पड़ा है। राम मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोगों का मानना है कि बीते दिनों तमाम साजिशें रामलला और अयोध्या के लिए की जा चुकी है और सुरक्षा कारणों से राम मंदिर ट्रस्ट विराजमान, रामलला श्रद्धालुओं और स्थानों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। उनका कहना है कि दर्शन दिन के समय ही संभव है। कनक भवन और हनुमानगढ़ी के तर्ज पर दिन और शाम को रामलला का दर्शन कतई संभव नहीं है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक सुरक्षा कारणों से यह संभव नहीं है। फिलहाल दिन के समय ही रामलला का दर्शन हो सकता है। चंपत राय ने यहां हो चुकी आतंकी घटना का हवाला देते हुए सुरक्षा कारणों से दर्शन अवधि को बढ़ाए जाने की बात को सिरे से खारिज कर दिया। चंपत राय ने कहा कि रामलला के दर्शन अवधि को बढ़ाना तो चाहिए, लेकिन 5 जुलाई 2005 के आतंकी हमले के बाद भी कई लोग पकड़े गए हैं. इसका विकल्प हमारे कोई नहीं है, इसकी पड़ताल कैसे हो, हमें सभी की दिक्कतों को समझना होगा।

उन्होंने साफ कहा कि हनुमानगढ़ी और कनक भवन जैसी परिस्थिति बनना तो एकदम संभव नहीं है। चंपत राय ने कहा कि कोई खुराफाती दिमाग वाला जनता की भीड़ में दहशत पैदा करके 50-100 लोगों की जान ले लेगा और अपना गुस्सा ठंडा करने की कोशिश करेगा। ऐसी परिस्थिति में सबकी सुरक्षा बहुत जरूरी है। ऐसे में तय यही किया गया कि फिलहाल दिन में ही रामलला के दर्शन और पूजन हो सकेंगे।