नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म (हिंदू धर्म) को लेकर दिए गए एक हालिया बयान से विवाद पैदा हो गया है। इस बयान पर हिंदू संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का भी ध्यान अपनी ओर खींचा है, जो अब पूरे ‘INDIA’ गठबंधन पर निशाना साध रही है। इन तीखी नोकझोंक के बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद राम गोपाल यादव ने भी किसी भी धर्म के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने से परहेज करने पर जोर दिया है।
उदयनिधि स्टालिन की विवादास्पद टिप्पणियाँ
सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणियों ने हंगामा खड़ा कर दिया है, क्योंकि उन्होंने स्पष्ट रूप से इस धर्म की निंदा करने से परहेज किया है। इस रुख से हिंदू संगठन काफी आक्रोशित हैं और उनके बयान के पीछे की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। उनकी टिप्पणियों ने धार्मिक सहिष्णुता और सम्मान पर देशव्यापी बहस छेड़ दी है। राजनीतिक अवसरों का लाभ उठाने में हमेशा तत्पर रहने वाली भाजपा ने उदयनिधि स्टालिन के बयान को पूरे ‘INDIA’ गठबंधन पर हमले शुरू करने के लिए एक मंच के रूप में इस्तेमाल किया है। उन्होंने गठबंधन पर हिंदू भावनाओं के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाया है, जिससे इस मुद्दे पर राजनीतिक नाटक और तेज हो गया है।
#WATCH …मैं इसपर कोई बयान नहीं देना चाहता…बस इतना कहूंगा कि किसी को भी किसी के धर्म, किसी के विचारों के खिलाफ बयान नहीं देना चाहिए…: तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए’ वाली टिप्पणी पर सपा सांसद रामगोपाल यादव, दिल्ली pic.twitter.com/7k9QNmgdE4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 5, 2023
राम गोपाल यादव का धार्मिक सहिष्णुता का आह्वान
सपा सांसद राम गोपाल यादव ने इस विवाद को तूल देते हुए किसी भी धर्म को अपमानित करने वाले बयान देने के प्रति आगाह किया है। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि धर्म के बारे में चर्चा व्यक्तिगत मामला ही रहना चाहिए और व्यक्तियों को संदर्भ की गहरी समझ के बिना निर्णय करने से बचना चाहिए। वहीं उदयनिधि स्टालिन के बयान पर विभिन्न हिंदू संगठनों ने नाराजगी जताई है।