नई दिल्ली। 2008 अहमदाबाद ब्लास्ट मामले (Ahmedabad Serial blast) में स्पेशल कोर्ट ने ने बड़ा फैसला सुनाया था। गुजरात की एक स्पेशल कोर्ट ने मामले में 49 दोषियों में से 38 दोषियों को फांसी की सजा को सुनाई थी, जबकि मामले में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। वहीं फैसला आने के बाद से इसको लेकर सियासत भी जोरों पर है।एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक रैली में हैरत जताते हुए अहमदाबाद में हुए आतंकी हमलों का संबंध सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल से जोड़ा था। वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी भाजपा के इन आरोपों के सिरे से नकार रही है। इसी बीच बीत दिनों अहमदाबाद ब्लास्ट को लेकर गुजरात भाजपा (Gujarat BJP tweet) के एक ट्वीट किया था जिसको लेकर सोशल मीडिया पर अब बवाल मच गया है।
दरअसल, गुजरात भाजपा के इस ट्वीट में एक कार्टून है जिसमें एक धर्म विशेष के लोगों को फांसी के फंदे पर लटकाते हुए दिखाया गया है और ट्वीट में लिखा था, ‘सत्यमेव जयते। आतंक के अपराधी से कोई माफी नहीं।’ वहीं विवाद को बढ़ाता देख, ट्विटर इंडिया ने नियमों के उल्लंघन के आधार पर गुजरात भाजपा के इस ट्वीट को प्लैटफॉर्म से डिलीट करा दिया।
हालांकि गुजरात भाजपा का ये ट्वीट तो डिलीट हो गया है। लेकिन प्रोपगेंडा के तहत एक नेरेटिव सेट करने के लिए देश के मुसलमानों को भड़काने वाली तथाकथित पत्रकार राणा अय्यूब भी इस विवाद में कूद पड़ी है। राणा अय्यूब ने ट्विटर के जरिए इस मसले पर अपनी राय रखी। इतना ही नहीं अपने ट्वीट में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को भी टैग किया और मोदी सरकार के खिलाफ शिकायत तक कर दी।
लोगों की प्रतिक्रिया-
मगर इस मामले में राजनीति करने के चक्कर में वो सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गई। लोगों ने उनको ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए उनकी जमकर खिंचाई कर दी।