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अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद उद्धव ठाकरे के लिए मुसीबत, भाजपा बोली- चुप क्यों हैं मुख्यमंत्री?

Anil Deshmukh: बता दें कि अनिल देशमुख(Anil Deshmukh) के इस्तीफे के बाद अब महाराष्ट्र के गृह मंत्री का पद दिलीप पाटिल संभालेंगे। वहीं अनिल देशमुख के इस्तीफे पर विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमला बोल दिया है।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में परमबीर सिंह के एक पत्र की वजह से महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के लिए मुसीबतों में घिरे नजर आ रहे हैं। मुबंई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में 100 करोड़ रुपये वसूली से संबंधित आरोप लगाए थे। इस आरोप के बाद अनिल देशमुख पर विपक्ष लगातार दबाव बनाए हुए था और इस्तीफे की मांग कर रहा था। फिलहाल इस मामले में सोमवार को बाम्बे हाई कोर्ट द्वारा दिए सीबीआई जांच के आदेश के बाद अब अनिल देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद अब महाराष्ट्र के गृह मंत्री का पद दिलीप पाटिल संभालेंगे। वहीं अनिल देशमुख के इस्तीफे पर विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमला बोल दिया है। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कांफ्रेंस में महाराष्ट्र सरकार पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि, आखिर उद्धव ठाकरे की नाक के नीचे राज्य में वसूली कांड होता रहा, और मुख्यमंत्री खामोश रहे।

Ravi Shankar Prasad PC

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अनिल देशमुख ने इस्तीफे का फैसला भी उद्धव ठाकरे से नहीं, बल्कि शरद पवार से पूछकर लिया। इस पूरे मामले में उद्धव ठाकरे चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच मुंबई की पुलिस नहीं कर सकती थी, इसीलिए अब सीबीआई इसकी जांच करेगी। प्रसाद ने जोर देकर पूछा कि उद्धव ठाकरे में नैतिकता है कि नहीं? क्योंकि अनिल देशमुख ने इस्तीफे का आधार नैतिकता को बताया है। सवाल तो उद्धव ठाकरे पर भी उठेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, “हम शुरू से एक स्वतंत्र निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थें और मुंबई पुलिस के द्वारा ये संभव नहीं था। जैसा आरोप लगाया गया था कि देशमुख जी ने सचिन वाजे को कहा था कि मुबंई में 17 सौ बार और रेस्टोरेंट हैं तो आप 100 करोड़ रुपये कलेक्शन कर के दीजिए।” उन्होंने कहा कि, “हमने ये विषय उठाया था कि ये टारगेट सिर्फ एक शहर मुंबई का है तो पूरे महाराष्ट्र का टारगेट क्या था? ये टारगेट सिर्फ एक मंत्री का है तो बाकी मंत्री का टारगेट क्या है?”

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, “मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खामोश हैं। शरद पवार जी करते हैं कि मंत्री के बारे में फैसला मुख्यमंत्री करते हैं और कांग्रेस व शिवसेना कहती है कि देशमुख जी के बारे में फैसला एनसीपी करेगी। आज तो कमाल हो गया, शरद पवार से अनुमति के बाद मुख्यमंत्री जी को इस्तीफा सौंपा गया।” उन्होंने कहा कि, “हम भी जानते हैं कि शरद पवार के इशारे पर ही वो इस्तीफा देते या न देते। लेकिन उद्धव ठाकरे कब बोलेंगे? उनकी खामोशी कई सवाल खड़े कर रही है। प्रमुख राजनीतिक दल के रूप में भाजपा की अपेक्षा है कि इस मामले की सारी परतें खोली जाएं। देशमुख जी जो उगाही की मांग कर रहे थे, वो अपने लिए कर रहे थे या अपनी पार्टी के लिए कर रहे थे या पूरी सरकार के लिए कर रहे थे?”