नई दिल्ली। बाटला हाउस एनकाउंटर (Batla House Enconter) मामले में दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी आरिज खान पर सोमवार को साकेत कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए उसे दोषी करार दिया है और इस मामले पर उसकी सजा पर फैसला 15 मार्च को सुनाया जाएगा। वहीं बाटला हाउस एनकाउंटर को लेकर आज केंद्रीय कानून मंत्री रविशकंर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने बाटला हाउस एनकाउंटर पर आंसू बहाने वाली पार्टियों को जमकर खरी खोटी सुनाई। बता दें कि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने बाटला हाउस एनकाउंटर को फर्जी करार दिया था। एक तरफ जहां कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने इसे फर्जी मुठभेड़ ठहराया था तो दूसरी ओर सलमान खुर्शीद ने यहां तक दावा किया था कि एनकाउंटर में मारे गए लड़कों की तस्वीरें देखकर सोनिया गांधी रो पड़ी थीं।
मंगलवार को रविशकंर प्रसाद ने कहा कि कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि बाटला हाउस एनकाउंटर फर्जी नहीं था। उन्होंने कहा कि क्या अब भी सोनिया गांधी के आंसू निकल रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और आतंकवाद की लड़ाई के मामले में कांग्रेस और विपक्ष की पार्टियां आतंकियों के पक्ष में खड़ी हुई और दिल्ली में हुई भीषण आतंकी हमले में पुलिस की हिम्मत को तोड़ने की कोशिश की गई।
रविशकंर प्रसाद ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि बाटला हाउस कांड को समाजवादी पार्टी, बीएसपी, कांग्रेस पार्टी, लेफ्ट पार्टी, ममता जी ने नेशनल इश्यू बनाया था। क्या मतलब है इसका? क्या वोट के लिए आतंकवाद की लड़ाई को इस तरह से कमजोर किया जाएगा? आज जब देश की न्यायिक प्रक्रिया के द्वारा एक बहुत बड़े आतंकवादी को 100 से अधिक गवाही, साइंटिफिक एविडेंस, मेडिकल एविडेंस के आधार पर बड़ी सजा मिली है, तो क्या ये सभी पार्टियां देश की जनता के सामने माफी मांगेगी?
वहीं ममता बनर्जी पर हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उस समय ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर बाटला हाउस एनकाउंटर सच साबित हुई तो वो राजनीति छोड़ देंगी। अब भाजपा पूछ रही है कि आप राजनीति कब छोड़ रही हैं?
उन्होंने कहा कि 2008 को दिल्ली में सिलसिलेवार धमाके हुए थे। जिसमें 39 लोग मारे गए और 159 लोग घायल हुए थे। बाटला हाउस में पुलिस कार्रवाई में 2 आतंकी मारे गए थे और 1 पुलिस इंस्पेक्टर शहीद हो गए थे। कोर्ट ने कल के फैसले में आरिज खान को दोषी माना है।तब दिल्ली पुलिस के कई लोगों ने हमें परोक्ष संपर्क किया कि हमें बचाइए, हमें ही हमलावर बताने की मुहिम चल पड़ी है। ऐसे में हम देश की सुरक्षा के लिए क्या करें। इस घटना को एक प्रकार से संदेह में डालने की कोशिश की गई थी। ये वोटबैंक की राजनीति के लिए किया जा रहा था।