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यूथ कांग्रेस का दावा- 999 रुपये में मिल रहे हैं खादी के तीन मास्क? लेकिन सच तो कुछ और निकला

खादी एवं ग्रामोद्योग खादी के तीन मास्क 999 रुपये में बेचने की खबर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, लेकिन जब न्यूजरूम पोस्ट ने इसकी पड़ताल की तो सच कुछ और ही निकला।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए बाजार में आपको तरह-तरह के मास्क देखने को मिल जाएंगे। इस बीच कुछ लोग मास्क बेचने के चक्कर में सरकार को भी बदनाम कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, खादी के मास्क को लेकर। बता दें कि खादी एवं ग्रामोद्योग खादी के तीन मास्क 999 रुपये में बेचने की खबर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, लेकिन जब न्यूजरूम पोस्ट ने इसकी पड़ताल की तो सच कुछ और ही निकला।

Khadi Mask

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा एक फोटो शेयर की जा रही है जिसमें खादी मास्क का विज्ञापन छपा है। इस विज्ञापन में लिखा गया है कि खादी मास्क, 999 में तीन। सभी टैक्स सहित। साथ ही लिखा था, वोकल फॉर लोकल। इस विज्ञापन में पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी छपी थी। इतना ही नहीं लोगों को ये बताने के लिए कि ये भारत सरकार के उपक्रम से जुड़ा हुआ है, इसलिए उसके नीचे चरखा भी छापा गया है। ये देखकर लोगों के मन में सवाल उठा कि इस मास्क में ऐसा क्या है कि खादी वाले 999 के तीन दे रहे हैं।

इसके अलावा इस गलत विज्ञापन को यूथ कांग्रेस के आधिकारिक अकाउंट से भी इसे प्रचारित किया जा रहा है, और मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। यूथ कांग्रेस ने लिखा कि, ‘गांधी की जगह खुद की फोटो लगाने, और एक मास्क ₹333 में बेचनें से कोई ‘महात्मा ‘नहीं बन जाता।’

Youth congress khadi

कांग्रेस की तरफ से किए गए ट्वीट ने मजेदार रिप्लाई किए। हर्ष राउत ने लिखा कि, “वैसे एक बात बता दें कॉन्ग्रेस को कोई ज्यादा सीरियस लेता नहीं है, यूथ कांग्रेस को भी राहुल बाबा के स्तर के मानते हैं मतलब पप्पू और अब समाज को मोहन दास गांधी को भी जानने लगे हैं कोन इसको महात्मा बनाया और कितना महात्मा था काफी लेख मिल जाते हैं नेट पर तो फालतू ट्वीट मत किया करो।”

मिस्टर सिन्हा नाम के एक यूजर ने लिखा कि, “खादी इंडिया पहले ही क्लीयर कर चुका है की ये फ़ेक है फिर भी ये लोग झूठ फैलाने में लगे हैं…फ़ेक सरनेम वाले फ़ेक इंडियंस के चेले करेंगे भी तो क्या, इटालियन मैडम ने झूठ बोलने के अलावा कुछ सिखाया नहीं।”

मामला जब सोशल मीडिया पर फैलने लगा तो खादी एवं ग्रामोद्योग के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इसको लेकर सफाई दी गई। खादी एवं ग्रामोद्योग ने लिखा कि, ‘ये आधिकारिक खादी मास्क नहीं हैं। इन मास्क के निर्माता धोखे से खादी के नाम का उपयोग कर रहे हैं। हमारी कानूनी टीम इस मामले को देख रही है। इस तरह के प्रचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’

khadi india

वहीं दूसरे ट्वीट में खादी एवं ग्रामोद्योग ने लिखा कि, ‘KVIC या खादी के नाम पर बेचे जा रहे महंगे मास्क के झांसे में न आएं। हम सस्ती दरों पर प्रामाणिक खादी मास्क प्रदान करते हैं, जिसकी कीमत 30 रुपए से शुरू होती है।’

Khadi Safai

खादी एवं ग्रामोद्योग की तरफ से पेश की गई सफाई के बाद ये साफ हो जाता है कि, लोग अपने फायदे के लिए इसमें खादी एवं ग्रामोद्योग के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं और लोगों में भ्रम फैला रहे हैं, जबकि सच ये है कि ये प्रोडक्ट खादी एवं ग्रामोद्योग का है ही नहीं।