नई दिल्ली। महाराष्ट्र में कोरोना के मद्देनजर कैदियों के बारे में एक बड़ा फैसला किया गया है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि हाल ही में ऑर्थर रोड जेल में 185 कैदी कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए गए। इस तरह के हालात बाकी जेलों में उत्पन्न नहीं हो इसे देखते हुए राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है।
इसके मुताबिक राज्य की सभी जेलों में बंद 35000 कैदियों में से 17000 कैदियों को जल्द से जल्द छोड़ा जाएगा। यह प्रक्रिया शुरू हो गयी है। इससे पहले 5000 अंडर ट्रायल कैदियों को बीच में छोड़ा गया था। छोड़े जाने वाले कैदियों में 3000 कैदी 7 साल से कम सजायाफ्ता वाले हैं जबकि 9000 कैदी 7 साल से ज्यादा सजायाफ्ता वाले हैं। लेकिन राज्य सरकार टाडा ,मकोका, एमपीडीए, रेप और बड़े आर्थिक घोटाले के कैदियों को नहीं छोड़ेगी। गृह विभाग ने राज्य की 8 जेलों को भी पूरी तरह से लॉकडाउन रखा है।
इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार की ओर से नियुक्त उच्चस्तरीय समिति ने यह फैसला लिया जिससे लगभग 17000 कैदियों और विचाराधीन बंदियों को छोड़ जाएगा। इस समिति में शामिल जस्टिस ए.ए. सैयद, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) संजय चहांदे और डीजी (जेल) एस.एन. पांडे ने राज्य में कोरोना के बढ़ते संक्रमण देखते हुए अहम फैसला लिया है।
Committee formed to give recommendations to decongest Maharashtra jails has recommended that around 17,000 inmates in jails can be released on interim bails. This doesn’t include inmates who are accused/convicts in UAPA, MCOCA, PMLA or other stringent Acts: Maharashtra Home Min pic.twitter.com/9c65PGOLcL
— ANI (@ANI) May 12, 2020