नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मऊ सदर सीट से विधायक अब्बास अंसारी को उनके मृत पिता बाहुबली मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़ने की अनुमति दे दी है। शीर्ष अदालत ने अब्बास अंसारी को दो दिन अपने परिजनों से मिलने की भी मोहलत दी है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास को आदेश दिया है कि इस दौरान वो मीडिया से बात नहीं कर सकते। अब्बास अंसारी उत्तर प्रदेश के कासगंज की पचलाना जिला जेल में बंद हैं। अब्बास अपने पिता मुख्तार अंसारी के जनाजे में शामिल नहीं हो सका था। इसलिए अब्बास ने पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ने की अनुमति मांगी जो उसे मिल गई।
मृतक मुख्तार अंसारी की कब्र पर 10 अप्रैल को फातिहा पढ़ा जाएगा। कोर्ट ने 11 अप्रैल और 12 अप्रैल को अब्बास अंसारी को अपने परिजनों से मिलने की इजाजत दी है। अब्बास अंसारी को पुलिस हिरासत में ही कासगंज जेल से उसके गाजीपुर स्थित घर ले जाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि अब्बास अंसारी को लेकर पुलिस की टीम आज ही शाम पांच बजे से पहले गाजीपुर के लिए रवाना हो जाए। इसके बाद अब्बास अंसारी को 13 अप्रैल को पुलिस हिरासत में ही वापस कासगंज जेल लाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान कड़ी सुरक्षा रखने के निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें अब्बास अंसारी को इससे पहले चित्रकूट जेल में रखा गया था। वहां जेल प्रशासन से सांठ गांठ के चलते अब्बास जेल में ही ऐशो आराम की जिंदगी जी रहा था। इतना ही नहीं जेल प्रशासन को मोदी रकम खिलाकर अब्बास की बीवी निकहत भी जेल में आराम से आती जाती थी और अब्बास के साथ घंटों समय बिताती थी। जब ये मामला खुला तो प्रशासन में हड़कंप मच गया। चित्रकूट जेल प्रशासन पर कार्रवाई करते हुए अब्बास को वहां से स्थानांतरित करके कासगंज जेल भेज दिया गया।