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Assembly By-Elections Result : 4 राज्यों में 5 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजे घोषित, जानिए किस पार्टी के हिस्से गई कितनी सीट, क्या हैं इन नतीजों के मायने?

Assembly By-Elections Result : गुजरात में दो, केरल में एक, पंजाब में एक और पश्चिम बंगाल में एक सीट पर विधानसभा उपचुनाव हुआ था। 2 सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है वहीं एक-एक सीट कांग्रेस, बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के हिस्से में गई है।

नई दिल्ली। गुजरात, पंजाब समेत देश के 4 राज्यों में 5 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं। 2 सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है वहीं एक-एक सीट कांग्रेस, बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के हिस्से में गई है। गुजरात में दो, केरल में एक, पंजाब में एक और पश्चिम बंगाल में एक सीट पर विधानसभा उपचुनाव हुआ था। गुजरात की कडी विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार राजेंद्र चावड़ा जीते हैं। जबकि दूसरी विसावदर सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार गोपाल इटालिया ने जीत दर्ज की है। इसी तरह पंजाब की लुधियाना वेस्ट सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा चुनाव जीत गए हैं।

केरल के नीलांबुर सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार ने आर्यदान शौकत ने विजय पताका फहराई है। जबकि पश्चिम बंगाल में कालीगंज सीट पर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की अलीफा अहमद की जीत हुई है। आम आदमी पार्टी के लिहाज से उपचुनाव में दो सीटें जीतना काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि दिल्ली में सत्ता गंवाने के बाद से काफी सवाल उठ रहे थे। संजीव अरोड़ा ने लुधियाना पश्चिम सीट जीतने पर कहा, मैं पार्टी, सभी कार्यकर्ताओं, विधायकों, सांसदों, पार्षदों, मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को धन्यवाद देता हूं। इस जीत का पूरा श्रेय जनता को जाता है।

उधर, गुजरात की विसावदर पर जीत का सपना बीजेपी पूरा नहीं कर सकी। पिछले 18 साल से यह सीट बीजेपी नहीं जीती है। पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल में हार के लिए बीजेपी को मंथन करने की जरूरत है। इन उपचुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी दो सीटों पर लड़ी थी, एक पश्चिम बंगाल और दूसरी केरल। केरल में भले ही कांग्रेस जीती मगर पश्चिम बंगाल में टीएमसी की जीत ने अगले साल होने वाले प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए ममता बनर्जी और उनके पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल जरूर बढ़ा दिया है। जबकि पांच विधानसभा में कांग्रेस के हिस्से सिर्फ एक सीट जाने के मायने निकाले जा रहे हैं कि पार्टी को जमीनी स्तर पर काफी काम करने की जरूरत है।