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Row Over PK: कांग्रेस में मुश्किलों का अंत नहीं, अब प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने पर कई नेता नाराज

Row Over PK: प्रशांत किशोर ने 2014 में मोदी का कैंपेन संभाला था। जिसके बाद वह जेडीयू के साथ जुड़े। फिर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को अपनी सेवाएं दीं और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार भी बने।

नई दिल्ली। पहले राजस्थान, फिर पंजाब, फिर छत्तीसगढ़ और अब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर यानी पीके। कांग्रेस में मुश्किलों का अंत होता नहीं दिख रहा है। राहुल गांधी से प्रशांत किशोर ने पिछले महीने मुलाकात की थी। इसके बाद चर्चा शुरू हुई कि पीके को कांग्रेस का महासचिव बनाया जा रहा है। फिलहाल ये फैसला तो नहीं हुआ, लेकिन कांग्रेस में प्रशांत किशोर को शामिल करने पर विरोध के सुर उठने लगे हैं। सूत्रों के हवाले से एक न्यूज चैनल ने ये खबर दी है। न्यूज चैनल के मुताबिक प्रशांत किशोर को कांग्रेस में लाने और महासचिव जैसा अहम ओहदा देने से तमाम सीनियर नेता नाराज हैं। इन नेताओं ने पिछले हफ्ते कपिल सिब्बल के घर पर मीटिंग की। इस मीटिंग में कांग्रेस आलाकमान में बदलाव की मांग करने वाले जी-23 गुट के नेता शामिल हुए। सूत्रों के जरिए चैनल ने खबर दी है कि बैठक में नेताओं ने कहा कि प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने के बारे में कांग्रेस वर्किंग ग्रुप की मीटिंग में चर्चा होनी चाहिए।

Prashant Kishor and Captain Amarinder Singh

बता दें कि प्रशांत किशोर ने 2014 में मोदी का कैंपेन संभाला था। जिसके बाद वह जेडीयू के साथ जुड़े। फिर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को अपनी सेवाएं दीं और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार भी बने। उन्होंने अमरिंदर के सलाहकार पद से इस्तीफा देने के बाद ही राहुल गांधी से मुलाकात की थी।

Mamta Banerjee Prashant Kishor

प्रशांत किशोर खुद ये कई बार मान चुके हैं कि बीजेपी के लिए काम न करने पर भी पीएम नरेंद्र मोदी से उनके अब भी अच्छे रिश्ते हैं। माना जा रहा है कि इसी वजह से कांग्रेस में उनको शामिल करने का विरोध हो रहा है। अब देखना ये है कि राहुल गांधी और कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी पार्टी में उठ रहे पीके विरोधी सुरों को देखते हुए अपना फैसला पलटते हैं या नहीं।