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रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर अपने स्वरूप में आ गया है- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की तारीफ करते हुए कहा कि ये अपने स्वरूप में आ गया है। काशी का स्वभाव है कि ये शहर कभी रुकती नही कभी ठहरती नही, कोरोनाकाल में ये काशी रुकी संयमित होती रही, लेकिन विकास की ओर बढ़ती रही।

वाराणसी। पीएम मोदी गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर थे। यहां उन्होंने करोड़ों की परियोजनाओं का तोहफा दिया। साथ ही उन्होंने पिछले कार्यक्रम में कहा था कि काफी समय बाद बनारस आने का अवसर मिला, लेकिन बनारस के मिजाज ऐसा है कि जब ये शहर मिलता है तो भरपूर रस दे देता है। दिन भले ही ज्यादा हो गए हों, लेकिन जब आने का अवसर मिला तो काशी वासियों ने एक साथ विकास कार्यक्रमो की गंगा बहा दी।

पीएम मोदी ने रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की तारीफ करते हुए कहा कि ये अपने स्वरूप में आ गया है। काशी का स्वभाव है कि ये शहर कभी रुकती नही कभी ठहरती नही, कोरोनाकाल में ये काशी रुकी संयमित होती रही, लेकिन विकास की ओर बढ़ती रही। उन्होंने कहा कि मैं आज काशी की हर एक जनता को बधाई देता हूं, साथ ही पुराने मित्र जापान को बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं।

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पीएम मोदी ने शिंज़ो आबे को भी याद किया। उन्होंने कहा कि आज के इस आयोजन में एक और व्यक्ति हैं जिनको मैं नही भूलना चाहता शिंज़ो आबे, वो जब काशी आये थे तो उनसे मेरी लम्बी चर्चा हुई थी उन्होंने इसे पूरी तन्मयता से सुना और आज ये इमारत पूरी हुई। इस इमारत मे सांस्कृतिक छवि है, मेरी जापान यात्रा में इसकी एक रूपरेखा खींची गई थी, आज दोनों देशों में विकास का नई परिभाषा लिखि जा रही है।

जापान संग भारत के संबंधों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि इसी तरह स्ट्रेटजिक एरिया हो या इकोनॉमिक एरिया हमारी दोस्ती सबसे विश्वसनीय दोस्ती है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर में जापान हमारा साझीदार है। दिल्ली इंडस्ट्रियल कॉरिडोर हो या न्यू फ्रेड कॉरिडोर हो ये हमारे जापान के सहयोग से हो रहा है। हमारा जापान का विचार है कि विकास सर्वांगीण होना चाहिए।

इंटरनेशनल कन्वेशन सेंटर रुद्राक्ष के बारे मं बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये इंटरनेशनल कन्वेशन सेंटर रुद्राक्ष पूरी दुनिया को कला संस्कृति से जोड़ने का माध्यम बनेगा। काशी तो वैसे भी दुनिया का पुरातन शहर है। जिसने कला और संस्कृति को सदियों से सहेज कर रखा है। ठुमरी, चैती, सब पुरातन गायन शैलियां है। बनारस के रोम रोम से गीत, संगीत और कला निकलती है। ज्ञान यहां से निकलता है। इसलिये बनारस गीत, संगीत, ज्ञान- विज्ञान का एक बहुत बड़ा ग्लोबल सेंटर बन सकता है।

देश विदेश से लोग यहां आकर रुकना चाहते हैं,अगर यहां इंफ्रास्ट्रक्चर होगा तो बड़ी संख्या में लोग यहां आकर्षित होंगे, बनारस के कवि सम्मेलन के फैन्स देश दुनिया में मौजूद हैं,आने वाले समय मे ये एक बड़ा मंच बनेगा….

काशी के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि काशी तो साक्षात् शिव ही है। अब जब पिछले 7 सालों में इतनी सारी विकास परियोजनाओं से काशी का श्रंगार हो रहा है तो ये श्रंगार बिना रुद्राक्ष के कैसे पूरा हो सकता था? अब जब ये रुद्राक्ष काशी ने धारण कर लिया है तो काशी का विकास और ज्यादा चमकेगा और ज्यादा काशी की शोभा बढ़ेगी। बनारस के तो रोम रोम से गीत संगीत और कला झरती है। यहां गंगा के घाटों पर कितनी ही कलाएं विकसित हुई हैं। ज्ञान शिखर तक पहुंचा है और मानवता से जुड़े कितने गंभीर चिंतन हुये हैं। इसीलिए, बनारस गीत-संगीत का, धर्म-आध्यात्म का और ज्ञान-विज्ञान का एक बहुत बड़ा ग्लोबल सेंटर बन सकता है।