
नई दिल्ली। राजस्थान में सियासी घमासान जारी है। हालांकि इस घमासान के दोनों ही नायक एक ही पार्टी से जुड़े हैं एक राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं अशोक गहलोत और दूसरे उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट। पायलट अशोक गहलोत के सियासी फैसलों से काफी लंबे वक्त से नाराज दिख रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी आलाकमान का भी बर्ताव काफी हद तक पायलट को लेकर अच्छा नहीं हैं। ऐसे में सचिन पायलट के पुराने मित्र और कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कांग्रेस और अशोक गहलोत पर निशाना साधा है।
आपको बता दें कि राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर संकट और गहरा गया है। सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि सचिन पायलट दिल्ली में हैं और वह बीजेपी के नेताओं के संपर्क में है। उधर, सचिन पायलट का दावा है कि उनके पास 16 कांग्रेस और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है।
Sad to see my erstwhile colleague, @SachinPilot too, being sidelined and persecuted by Rajasthan CM, @ashokgehlot51 . Shows that talent and capability find little credence in the @INCIndia .
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) July 12, 2020
इस बीच सचिन पायलट के पुराने मित्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया, ‘यह देखकर दुखी हूं कि मेरे पुराने सहयोगी सचिन पायलट को भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दरकिनार कर दिया गया। यह दिखाता है कि कांग्रेस में प्रतिभा और क्षमता पर कम ही भरोसा किया जाता है।’
ज्योतिरादित्य सिंधिया का यह ट्वीट एक साथ कई बातों की तरफ इशारा कर रहा है ऐसे में एक कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह पार्टी के नेताओं के व्यवहार से नाराज सचिन पायलट जल्द ही अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा का दामन थाम सकते हैं। हालांकि लोगों का यह भी कयास है कि यह पटकथा बहुत पहले लिकी जा चुकी थी बस इसपर से पर्दा उठने में थोड़ी देर हुई है।
राजस्थान : 2 नोटिस की कहानी, जिस कारण पायलट विद्रोह पर आमादा
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गिराने कथित रूप से विधायकों को रिश्वत देने के मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने एक साथ दो नोटिस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को बयान दर्ज कराने के लिए थमा दिए। एसओजी के एडिशनल एसपी ने ये नोटिस 10 जुलाई को दिए, जिसमें उन्होंने कहा कि वे पायलट का सीआरपीसी की धारा 160 के तहत बयान दर्ज करना चाहते हैं।
इस मामले में गहलोत ने रविवार को स्पष्टीकरण देते हुए ट्वीट किया, “कांग्रेस ने शिकायत की थी कि भाजपा धन के जरिए विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रही है, जिसपर एसओजी ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, चीफ व्हिप एवं अन्य कुछ मंत्रियों व विधायकों को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस दिए हैं। लेकिन कुछ मीडिया संस्थान तथ्य को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत कर रहे हैं।”
पायलट के करीबी सूत्रों ने कहा कि इस नोटिस ने उपमुख्यमंत्री को नाराज कर दिया जिसे गहलोत के इशारे पर भेजा गया है, क्योंकि गृह विभाग उन्हीं के पास है। सूत्र ने कहा कि इससे पायलट अपमानित महसूस कर रहे हैं और वे अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इन समर्थकों में तीन निर्दलीय -ओम प्रकाश हुडला, सुरेश टांक और खुशवीर सिंह शामिल हैं। पायलट का दावा है कि उन्हें 30 विधायकों का समर्थन हासिल है और करीब 20 दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न स्थानों पर हैं।