newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Election Fear: राजस्थान में कांग्रेस सरकार का सचिन पायलट को दिखा भविष्य, मीडिया से बोले- हम रिपीट नहीं कर पाते

पायलट ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि राजस्थान में कांग्रेस जब भी सरकार बनाती है, तो रिपीट नहीं कर पाती। अगले चुनाव में कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि इसकी पड़ताल करना जरूरी है कि कांग्रेस को सत्ता में रहने के बाद राजस्थान में नुकसान क्यों उठाना पड़ता है।

जयपुर। राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव है और कांग्रेस के नेताओं की चिंता आसमान छूने लगी है। चिंता की ताजा लकीर राज्य कांग्रेस के बड़े नेता और सीएम अशोक गहलोत के प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले सचिन पायलट के माथे पर दिखी है। पायलट ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि राजस्थान में कांग्रेस जब भी सरकार बनाती है, तो रिपीट नहीं कर पाती। अगले चुनाव में कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि इसकी पड़ताल करना जरूरी है कि कांग्रेस को सत्ता में रहने के बाद राजस्थान में नुकसान क्यों उठाना पड़ता है।

सचिन पायलट ने हालांकि राज्य के कांग्रेसियों में दम भरने की भी कोशिश की। उन्होंने कहा कि अगर सब लोग मिल-जुलकर चुनाव लड़ेंगे, तो दोबारा सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता। मीडिया से बातचीत में सचिन पायलट ने संकेतों में ये भी बता दिया कि फिलहाल बीजेपी के खिलाफ वो अपनी जंग जारी रखेंगे और उसे ज्वॉइन करने की सारी अटकलें गलत हैं। सचिन ने कहा कि बीजेपी लगातार राजस्थान में ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है, लेकिन उसकी सारी कोशिश नाकाम हो जाएंगी। उन्होंने सीएम अशोक गहलोत के बारे में हालांकि कोई टिप्पणी नहीं की।

Sachin Pilot and Rahul Gandhi

बता दें कि कल ही कांग्रेस सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि राज्यसभा चुनाव के बाद कांग्रेस आलाकमान यानी गांधी परिवार राजस्थान के सीएम पद से अशोक गहलोत को हटाकर सचिन पायलट को बिठा सकता है। पिछली बार चुनाव के दौरान सचिन पायलट कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में ही कांग्रेस ने बड़ा बहुमत हासिल किया था। बाद में गहलोत के साथ उनका छत्तीस का आंकड़ा बन गया। इसकी वजह से कांग्रेस आलाकमान ने सचिन से डिप्टी सीएम का पोस्ट तक छीन लिया था। अब अशोक गहलोत के खिलाफ विधायक जिस तरह से सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जता रहे हैं, उसे देखते हुए गांधी परिवार के कान खड़े हुए हैं और गहलोत को हटाने पर विचार हो रहा है।